सरकारी पैसे गबन करने और पुलिस रिकॉर्ड में हेराफेरी करने वाले तहसीलदार को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
सरकारी पैसे गबन करने और पुलिस रिकॉर्ड में हेराफेरी करने वाले तहसीलदार को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
कांकेर: सरकारी पैसों की हेराफेरी मामले में तलसीलदार, नयाब तहसीलदार, खजांची को मुख्य न्याययिक मस्ट्रिेट ने सात-सात वर्ष की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं एक-एक लाख रूपए जुर्माना भी इन्हें देना होगा। तीनों आरोपियों ने उप कोषालय चारामा में पदस्थ रहने के दौरान 20 लाख रूपए की हेराफेरी की थी।
न्यायालय में दर्ज प्रकरण के अनुसार मामला चारामा थाना में 10 फरवरी 2005 का है। चरामा के उप कोषालय अधिकारी प्रकाश रंगारी ने रिर्पोट दर्ज कराई थी कि आरोपी रतिराम नरेटी, खजांची ने 6 फरवरी 2001 से 3 सितम्बर 2003 तक शासकीय कार्यो के लिए पहुंची राशि में गलत तरीके से हेराफेरी कर 20 लाख रूपए की राशि का गबन किया है।
मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने रिकार्ड में हेराफेरी पाई और तत्कालीन तहसीलदार बिसेंट मिंज और नायाब तहसीलदार अलका परते को भी इस कांड में शामिल पाया। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपियों को सजा देने का फैसला सुनाया।
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