अर्नब की न्यायिक हिरासत को लेकर पुलिस की याचिका पर अदालत नौ नवंबर को करेगी सुनवाई

अर्नब की न्यायिक हिरासत को लेकर पुलिस की याचिका पर अदालत नौ नवंबर को करेगी सुनवाई

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  • Publish Date - November 7, 2020 / 11:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

मुंबई, सात नवंबर (भाषा) रायगढ़ जिले के अलीबाग की एक सत्र अदालत ने शनिवार को पुलिस की उस पुनर्विचार याचिका को 9 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को, 2018 के आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई है।

अलीबाग जिला सत्र अदालत को सूचित किया गया कि बम्बई उच्च न्यायालय वर्तमान में गोस्वामी और इस मामले के दो अन्य आरोपियों- फिरोज शेख और नितेश सारदा द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें अंतरिम जमानत की मांग की गई है और उनकी ‘‘अवैध गिरफ्तारी’’ को चुनौती दी गई है। इसके बाद अदालत ने आदेश पारित किया।

पुलिस ने अपनी याचिका में सत्र अदालत से निचली अदालत के आदेश को रद्द करने और तीनों आरोपियों को हिरासत में देने की मांग की थी।

गौरतलब है कि इस मामले के सिलसिले में गोस्वामी को बुधवार सुबह मुंबई के लोअर परेल स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। उन्हें अलीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया और बाद में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनैना पिंगले के सामने पेश किया गया।

बुधवार देर रात दिए अपने आदेश में मजिस्ट्रेट ने तीनों को पुलिस हिरासत में भेजने से इनकार कर दिया और उन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

अलीबाग पुलिस ने पूछताछ के लिए गोस्वामी की 14 दिनों की हिरासत मांगी थी।

गोस्वामी को वर्तमान में एक स्थानीय स्कूल में रखा गया है, जिसे अलीबाग जेल के कोविड-19 केंद्र के रूप में नामित किया गया है।

गौरतलब है कि 2018 में, इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमोदिनी नाइक ने आरोपी व्यक्तियों की कंपनियों द्वारा कथित तौर पर बकाया भुगतान न करने पर अपनी जान दे दी थी।

इस साल मई में, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने घोषणा की थी कि उन्होंने अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की शिकायत के बाद मामले में नए सिरे से जाँच के आदेश दिए हैं।

भाषा कृष्ण नरेश

नरेश