मगरमच्छ ने खटखटाया घर का दरवाजा, किसान ने पकड़कर बकरी के खूंटे से बांधा…और फिर किया ये काम

मगरमच्छ ने खटखटाया घर का दरवाजा, किसान ने पकड़कर बकरी के खूंटे से बांधा...और फिर किया ये काम

मगरमच्छ ने खटखटाया घर का दरवाजा, किसान ने पकड़कर बकरी के खूंटे से बांधा…और फिर किया ये काम
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: October 11, 2019 4:09 am IST

शिवपुरी। शिवपुरी में एक ऐसा मामला देखने को मिला है जिसे जो कोई भी सुनता है आश्चर्य चकित हो जाता है। एक मगरमच्छ ने एक किसान के घर में दस्तक दी तो किसान ने उसे पकड़कर बकरी बांधने वाले खूंटे में बांध दिया। और इसकी सूचना वन विभाग को दी जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मगरमच्छ को वहां से ले जाकर बाहर छोड़ा गया।

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बता दें कि शिवपुरी के चिंताहरण मंदिर के पास रहने वाले बाथम परिवार के घर में एक मगरमच्छ घुस गया था। इस इलाके में मगरमच्छों की काफी संख्या है जिसके चलते आए दिन बाथम परिवार के घर में मगरमच्छ बिन बुलाए मेहमान की तरह चले आते हैं। जिसे लेकर परिवार में अच्छी-खासी दहशत रहती थी। परिवार को डर से छुटकारा दिलाने की नियत और हालात ने पेशे से किसान, राजू बाथम को मगरमच्छ को काबू में करने का गुर सिखा दिया है।

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गुरूवार को जब चिंताहरण मंदिर के पास रहने वाले राजू बाथम के घर तीन फुट लंबा मगरमच्छ आया तो राजू ने उसे पकड़कर उस खूंटे से बांध लिया जिससे वो अपनी बकरी बांधता है। राजू ने बताया कि दोपहर के वक्त जब घर के सभी लोग आराम कर रहे थे तभी उसे दरवाजों के खड़कने की आवाज सुनाई दी। उसने बाहर देखा तो दरवाजे पर मगरमच्छ मौजूद था, वह दरवाजे से घुसने की कोशिश कर रहा था।

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तभी वह मगरमच्छ को पकड़कर खूंटे से बांध लिया और वन-विभाग को इसकी सूचना दे दी। सूचना मिलने के बाद वन-विभाग की रेस्क्यू टीम आई और मगरमच्छ को अपने साथ ले गई। राजू का कहना है कि आए दिन इस इलाके में मगरमच्छ पहुंच जाते हैं जिसे लेकर उसका परिवार और आस-पड़ोस के लोग दहशत में रहते हैं और चैन से सो भी नहीं पाते। इस मामले में वन विभाग को बताया गय है लेकिन कोई सुनने वाला नही हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com