दाऊद के पुश्तैनी मकान, पांच अन्य संपत्तियों को नीलाम किया गया

दाऊद के पुश्तैनी मकान, पांच अन्य संपत्तियों को नीलाम किया गया

दाऊद के पुश्तैनी मकान, पांच अन्य संपत्तियों को नीलाम किया गया
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: November 10, 2020 1:46 pm IST

मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के मुंबके गांव में भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पुश्तैनी घर समेत उसकी छह संपत्तियों को मंगलवार को नीलामी में बेचा गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने ‘तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक (सम्पत्ति जब्ती) अधिनियम (साफेमा)’ के तहत नीलामी की कार्रवाई की।

भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकी का पैतृक मकान 11 लाख रुपये से अधिक कीमत में नीलाम हुआ।

 ⁠

अधिकारी ने बताया कि रत्नागिरि जिले के लोते गांव में एक भूखंड तकनीकी कारणों से नहीं बिक सका और उसे दोबारा नीलामी में शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दाऊद के करीबी सहयोगी इकबाल मिर्ची का एक अपार्टमेंट भी नीलाम नहीं हो सका।

साफेमा अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नीलामी की कार्रवाई की जिसमें 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के प्रमुख आरोपी दाऊद की सात संपत्तियों को नीलामी के लिए रखा गया।

अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में रहने वाले वकील अजय श्रीवास्तव ने मुंबके गांव स्थित दाऊद के पुश्तैनी मकान ‘इब्राहिम मेंशन’ को 11.20 लाख रुपये में खरीदा।

उन्होंने कहा कि 1983 में मुंबई आने से पहले दाऊद का परिवार इसी घर में रहता था।

अधिकारी ने बताया कि इस मकान के अलावा श्रीवास्तव ने 25 गुंठा जमीन भी 4.30 लाख रुपये में खरीदी जो दाऊद की मां अमीन बी और उसकी दिवंगत बहन हसीना पारकर के नाम पर थी।

उन्होंने बताया कि वकील भूपेंद्र भारद्वाज ने भगोड़े डॉन की चार अन्य संपत्तियों की सफलतापूर्वक बोली लगाई।

श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह पैसे की लड़ाई नहीं है, यह दाऊद इब्राहिम को यह संदेश देने के लिए है कि हम उससे डरते नहीं हैं और उसकी संपत्तियों को खरीद सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह विदेश में बैठकर हमारे बेगुनाह लोगों को मार सकता है तो हम भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इस तरह के योगदान से अपनी एजेंसियों की मदद कर सकते हैं।’’

श्रीवास्तव ने पहले भी दाऊद की संपत्तियों की नीलामी में हिस्सा लिया था और एक औद्योगिक भूखंड खरीदा था।

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें डॉन के साथियों से अनेक धमकियां मिलीं।

भाषा मानसी उमा

उमा


लेखक के बारे में