व्यापमं घोटाले में काॅलेज संचालक और अधिकारियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित
व्यापमं घोटाले में काॅलेज संचालक और अधिकारियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम फर्जीवाड़े में आरोपी बनाए गए निजी मेडिकल कॉलेजों के संचालक और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अग्रिम जमानत अर्जियों पर जबलपुर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। साल 2012 में तत्कालीन DME एस सी तिवारी और जॉइंट DME एन एम श्रीवास्तव सहित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में एडमीशन कमेटी के सदस्य डॉ विजय कुमार पंड्या और डॉ विजय कुमार रामनानी की ओर अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की गई थी, जिन पर आज सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों की ओर से बहस की गई।
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तत्कालीन अधिकारियों की ओर से दलील दी गई कि 2012 व्यापम मामले में अधिकारियों की ओर से ही किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई है क्योंकि अधिकारियों ने काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली थी, वहीं कटऑफ डेट के बाद मेडिकल कॉलेजों में हुए एडमिशन की कोई भी जानकारी अधिकारियों तक नहीं पहुंचाई गई लिहाजा इस पूरे फर्जीवाड़े में अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की हुई है।
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वही एडमिशन कमेटी के सदस्यों की ओर से आरोपियों की उम्र और बीमारियों का हवाला दिया गया और अग्रिम जमानत दिए जाने की मांग की गई जबकि सीबीआई ने घोटाले को गम्भीर बताकर जमानत की सभी अर्जियां खारिज करने की मांग की। फिलहाल हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इधर इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमेन सुरेश सिंह भदौरिया की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कल तक और अरुण अरोरा की अर्जी पर सुनवाई 18 दिसम्बर तक के लिए टल गई है।
वेब डेस्क, IBC24

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