भोपाल। मध्यप्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले में शनिवार को चौकाने वाला खुलासा हुआ है। परिवहन आरक्षण भर्ती घोटाले में एसटीएफ ने जिन पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को आरोपी बनाया था, सीबीआई ने अपनी जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
शनिवार को सीबीआई ने 74 पेज का कोर्ट में चालान पेश किया। इसमें 26 आरोपियों के नाम का जिक्र हैं, सीबीआई ने इनमें से लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओपी शुक्ला के साथ आठ आरोपियों के खिलाफ किसी तरह के पुख्ता सबूत नहीं होने की बात लिखी है। सीबीआई का चालन पेश होने के बाद एसटीएफ की जांच पर सवाल उठ गए हैं।
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सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या एसटीएफ ने जानबूझकर पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके ओएसडी को आरोपी बनाया था। इधर, इस खुलासे के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस एसटीएफ के साथ सीबीआई की रिपोर्ट की नए सिरे से जांच की मांग कर रही है तो बीजेपी का तर्क है कि कांग्रेस इसे बेवजह तूल न दे। आरोपों के सबूत सीबीआई ने खंगाले हैंऔर सबूत नहीं मिलने पर ही क्लीनचिट दी गई है।
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