Money laundering case : ईडी ने धन शोधन के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व विधायक को किया गिरफ्तार | Money laundering case : ED arrests former Maharashtra MLA in Money laundering case

Money laundering case : ईडी ने धन शोधन के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व विधायक को किया गिरफ्तार

Money laundering case : ईडी ने धन शोधन के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व विधायक को किया गिरफ्तार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : June 16, 2021/7:12 am IST

Money laundering case 

मुंबई, 16 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पनवेल स्थित एक सहकारी बैंक में 512 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में महाराष्ट्र के एक पूर्व विधायक विवेकानंद एस पाटिल को गिरफ्तार किया है।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि यहां बलार्ड एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय में पाटिल (68) से पूछताछ करने के बाद केन्द्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें मंगलवार रात करीब सवा आठ बजे गिरफ्तार किया। ‘पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी’ के पूर्व विधायक को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और हिरासत में रखने के लिए उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किया जा सकता है।

ईडी का यह धनशोधन मामला नवी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा पिछले साल फरवरी में उनके और लगभग 75 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें करनाल नागरी सहकारी (कॉपरेटिव) बैंक में 512.54 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया गया था, जिसका मुख्यालय पड़ोसी रायगढ़ जिले के पनवेल में है। पुलिस ने पूर्व में पनवेल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष पाटिल के अलावा उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कई अन्य लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया था, जिन्होंने संस्था से ऋण लिया था।

पुलिस ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंक के संचालन के निरीक्षण के बाद अनियमितताओं का पता चला। इसके बाद ऋणदाता की 17 शाखाओं का विशेष ऑडिट हुआ। इसके बाद आरबीआई ने सभी खातों से 500 रुपये निकासी का प्रतिबंध लगा दिया था।

पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता, सहकारी समिति अधिनियम और जमाकर्ताओं के हित के महाराष्ट्र संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी जैसे आरोप लगाए हैं। ऐसा माना जाता है कि विवेकानंद पाटिल को आरबीआई से लाइसेंस मिलने के बाद बैंक को सहकारी बैंक अधिनियम के तहत 1996 में स्थापित किया गया था।

भाषा निहारिका शाहिद

शाहिद