हेमचंद के पार्थिव शरीर को विमान से लाया जाएगा, निवास-पार्टी दफ्तर में दर्शन के बाद अंतिम संस्कार

हेमचंद के पार्थिव शरीर को विमान से लाया जाएगा, निवास-पार्टी दफ्तर में दर्शन के बाद अंतिम संस्कार

हेमचंद के पार्थिव शरीर को विमान से लाया जाएगा, निवास-पार्टी दफ्तर में दर्शन के बाद अंतिम संस्कार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: April 11, 2018 6:05 am IST

दुर्ग। पूर्व कैबिनेट मंत्री और  प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमचंद यादव के पार्थिव शरीर को लाने के लिए भाजपा नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर देर रात से उनके परिवार के साथ हैं। बुधवार शाम 5 बजे दिल्ली से विशेष विमान से हेमचंद यादव के पार्थिव शरीर यहां लाया जाएगा। अंतिम संस्कार गुरूवार को किया जाएगा। इसके पहले पार्थिव शरीर को गृहग्राम दुर्ग ठेठवार पारा स्थित निवास में रखा जाएगा। इसके बाद 12 बजे दोपहर में शहर भ्रमण कराया जाएगा जिला भाजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन बाद दुर्ग शमशान घाट में अंतिम विदाई दी जाएगी।

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ज्ञात हो कि जनता और कार्यकर्ता के लिए सहज उपलब्धता और सरल व्यवहार से ही हेमचंद यादव ने लोगों के दिलों में जगह बनाई थी। दुर्ग के बैगापारा में एक दिसंबर 1958 को जन्मे हेमचंद यादव ने गैर राजनीतिक युवा संगठन के माध्यम से 80 के दशक में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की । हेमचंद यादव ने 1988 में बैगापारा वार्ड अध्यक्ष के रुप में राजनीतिक जीवन में पहला कदम रखा इसके बाद निरंतर आगे बढऩे का ही क्रम चला । 1990 में हेमचंद यादव भाजयुमो शहर अध्यक्ष बने। 1992 में शहर भाजपा अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने 1993 उन्हें दुर्ग विधानसभा का प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार मिली। इसके बाद 1996 में उन्हें दुर्ग जिला भाजपा की कमान सौंपी गई। 1998 में हेमचंद यादव ने पहली बार दुर्ग में जीत के साथ भाजपा का परचम लहराया। 2003 में उन्होंने दुर्ग विधानसभा सीट से ही दोबारा इतिहास रचा और भाजपा की सरकार बनी, तो उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया। 2008 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से जीतकर उन्होंने हैट्रिक बनाई और दोबारा मंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा 2004 में दुर्ग लोकसभा चुनाव, 2004 में दुर्ग नगर निगम चुनाव, 2005 में भिलाई नगर निगम चुनाव, 2007 में खैरागढ़ उपचुनाव, 2009 में दुर्ग लोकसभा चुनाव, और 2009 में ही दुर्ग नगर निगम चुनाव में मुख्य चुनाव संचालक के रुप में पार्टी द्वारा दी गई चुनौती को सफलता में बदलकर दिखाया। हर बार उन्होंने चुनाव मैनेजमेंट के अपने कौशल का जबरदस्त प्रदर्शन किया और पार्टी का सिर झुकने नहीं दिया। लेकिन जब पेट में हुए इन्फेक्शन ने उन्हें घेरा, तो वे जिंदगी की जंग हारते चले गए। पहले मुंबई और फिर दिल्ली के एम्स में चले लंबे इलाज के बाद 11 अप्रैल को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर पूरी पार्टी शोक में डूबी हुई है। 

 

web team IBC24


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