प्रदेश भर में फेमस गधों का मेला शुरू, मेले में सबसे मंहगी गधी की कीमत 40 हजार

प्रदेश भर में फेमस गधों का मेला शुरू, मेले में सबसे मंहगी गधी की कीमत 40 हजार

प्रदेश भर में फेमस गधों का मेला शुरू, मेले में सबसे मंहगी गधी की कीमत 40 हजार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: November 11, 2019 11:29 am IST

उज्जैन। उज्जैन में प्रतिवर्ष के अनुसार इस बार भी परंपारगत रूप से कार्तिक मेला ग्राउंड के नजदीक लगने वाले गधों का मेला देवउठनी ग्यारस से शुरू हो गया है। मेले में 500 से अधिक गधे, खच्चर व घोड़े आए हैं। इसमें एक खच्चर और गधों की कीमत 10 हजार रूपए से लेकर 15 हजार और इससे अधिक लगाई गई है।

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मेले में अधिकांश गधों के सौदे हो चुके हैं, मेला समाप्त होने के साथ ही पशुओं को मेले से ले जाया जाएगा। उज्जैन के कार्तिक के पूर्व देवउठनी ग्यारस पर गधों का मेला आयोजित किया जाता है। आधुनिक ज़माने में अब गधे के खरीददार कम हुए हैं। माल ढ़ोने के काम में आने वाले गधों और खच्चरों की उज्जैन के मेले में आवक कम हुई है, वहीं उनकी कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है।

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मेले में औसत पांच हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक के गधे उपलब्ध हैं। व्यापारियों के अनुसार मेले में सबसे महंगी गधी रोशनी आई थी जिसकी कीमत 40 हजार रुपए मांगी जा रही थी । एक दिन पूर्व इससे भी अधिक कीमत मांगी जा रही है। रोशनी को चिंतामण ग्राम चांदपुर के अशोक प्रजापत मेले में लेकर आए थे। उनके अनुसार रोशनी को खरीदने के लिए 15 हजार 500 रुपए तक लग चुके हैं। व्यापारियों के अनुसार मेले में उज्जैन, पीड़ावा, आगर, सोयत, सुसनेर, नांदेड़ आदि स्थानों से पशु व व्यापारी आए हैं। गधों के नाम से फेमस उज्जैन का मेला सभी प्रदेशो में फेमस है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com