पूर्व मंत्री ने कही ‘गोबर’ को राजकीय प्रतीक चिन्ह बनाने की बात, कांग्रेस बोली ‘बीजेपी को होगा फायदा..दिमाग में भरे गोबर को बेचें और लाभ कमाएं’

पूर्व मंत्री ने कही 'गोबर' को राजकीय प्रतीक चिन्ह बनाने की बात, कांग्रेस बोली 'बीजेपी को होगा फायदा..दिमाग में भरे गोबर को बेचें और लाभ कमाएं'

पूर्व मंत्री ने कही ‘गोबर’ को राजकीय प्रतीक चिन्ह बनाने की बात, कांग्रेस बोली ‘बीजेपी को होगा फायदा..दिमाग में भरे गोबर को बेचें और लाभ कमाएं’
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: June 26, 2020 8:29 am IST

रायपुर। भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर गोबर को राजकीय प्रतीक चिन्ह बनाने की बात कही। जिसके बाद पूर्व मंत्री के इस ट्वीट पर कांग्रेस ने बड़ा पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा कि आपकी सोच देखकर लगता है कि इस योजना से भाजपा नेताओं को फ़ायदा होगा। कांग्रेस ने कहा कि दिमाग में भरे गोबर को बेचें और लाभ कमाएं, इसके कुछ अच्छी चीजें भी दिमाग में घुसेंगी।

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बता दें कि प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर कहा कि ‘छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए’। जिसके बाद कांग्रेस ने अजय चंद्राकर को आड़े हाथों लिया है।

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बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के दिन से होगी। जिसके बाद राज्य में गोबर पर सि​यासत और बयानबाजी शुरू हो गई है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com