अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने हाथरस मामले में भीम आर्मी की भूमिका पर उठाए सवाल
अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने हाथरस मामले में भीम आर्मी की भूमिका पर उठाए सवाल
लखनऊ, सात अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल ने हाथरस मामले में खासकर भीम आर्मी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि जबर्दस्त तोड़फोड़ और आगजनी की आशंका के मद्देनजर परिवार की सहमति से शव का रात में अंतिम संस्कार किया गया।
बृजलाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस ने हाथरस की घटना में पूरी मुस्तैदी से कार्रवाई की। मगर लड़की और उसके परिवार के लोग बार-बार अपने बयान बदलते रहे। मामले में मोड़ तब आया जब भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर अपने लोगों के साथ लड़की को देखने मेडिकल कॉलेज पहुँच गए और घटना को बढ़ा-चढ़ाकर बताना शुरू कर दिया। भीम आर्मी ने इसी घटना को लेकर अन्य ज़िलों में धरना-प्रदर्शन करना शुरू किया।
प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पोस्टमॉर्टम हाउस में लड़की के शव को भीम आर्मी के चंद्रशेखर, कांग्रेस नेता उदितराज और आम आदमी पार्टी की राखी बिड़लान और अन्य ने भीड़ इकट्ठा कर घेर लिया तथा लगभग दस घंटे तक रोके रखा। बड़ी मुश्किल से शव वहाँ से निकाला जा सका। रास्ते में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने शव छीनने का प्रयास किया।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि हाथरस में भीम आर्मी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जातीय दंगे की साज़िश रच रही है। पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिल गयी थी क़ि सुबह शव जलने नहीं दिया जाएगा और भयंकर तोड़-फोड़, आगज़नी, रेल की पटरी उखाड़ना जैसी घटना अंजाम दी जाएगी। इसी वजह से परिवार की सहमति और उनकी मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
बृजलाल ने यह भी कहा कि कुख्यात संगठन पीएफआई और उसका सहयोगी संगठन ‘कैम्पस फ़्रंट ऑफ़ इंडिया’ भी सक्रिय हो गया और 100 करोड़ से अधिक रुपये दंगा फैलाने के लिए झोंक दिया।
उन्होंने कहा कि लड़की के परिवार को भीम आर्मी और पीएफआई के गुर्गों तथा अन्य राजनीतिक दलों के लोगों ने गुमराह किया। पहले से परेशान परिवार के लोग तमाम लोगों की अलग-अलग राय से मानसिक तौर पर पूरी तरह उलझकर रह गए। अब परिवार सीबीआई जाँच और नार्को/ पालीग्राफ़ टेस्ट से मुकर रहा है।
बृजलाल ने दावा किया कि पीड़िता और उसके परिवार ने पहले मारपीट, फिर छेड़छाड़ और आठ दिन बाद तीन और लड़कों के ऊपर सामूहिक बलात्कार का आरोप मढ़ दिया जबकि आरोपी दो लड़के तो गाँव में थे ही नहीं।
उन्होंने कहा कि पीड़ित लड़की की मौत गम्भीर मामला है और सही अपराधी पर कठोर कार्यवाई होनी चाहिए लेकिन निर्दोष को दोषी कहना भी उचित नहीं है।
भाषा सलीम नेत्रपाल
नेत्रपाल

Facebook



