हाईकोर्ट के फैसले से खुले अचानकमार टाईगर रिजर्व के बंद गेट, लोरमी सहित पूरे क्षेत्र में उत्साह   | Get open for achanakmaar tiger reserve, After High Court's decision

हाईकोर्ट के फैसले से खुले अचानकमार टाईगर रिजर्व के बंद गेट, लोरमी सहित पूरे क्षेत्र में उत्साह  

हाईकोर्ट के फैसले से खुले अचानकमार टाईगर रिजर्व के बंद गेट, लोरमी सहित पूरे क्षेत्र में उत्साह  

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : March 7, 2018/8:35 am IST

प्रदेश के सबसे बड़े टाईगर रिजर्व के गेटबंदी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले अचानकमार टाईगर रिजर्व को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। फैसला आने के बाद पुरे लोरमी इलाके में जमकर उत्सव मनाया जा रहा है। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद लोग ने सड़कांे पर निकलकर जमकर पटाखे फोड़े और खुशियां मनाई। बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज लोरमी के अचानकमार टाईगर रिजर्व के गेट बंद किये जाने के बिलासपुर कलेक्टर के फैसले को निरस्त करते हुए गेट को फिर से आमजन के लिए खोलने का आदेश दिया है। इस मामले को लेकर लोरमी के पूर्व विधायक धरमजीत सिंह और मणिशंकर पांडेय ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। जिस पर चली सुनवाई के बाद फैसला देते हुए बुधवार के दिन माननीय न्यायालय ने पूर्व के बिलासपुर कलेक्टर के गेटबंदी के फैसले को अमानवीय बताते हुए उसे निरस्त कर दिया।

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हाईकोर्ट का फैसला आते ही पुरे लोरमी इलाके में उत्साह का माहौल बना गया। सड़कों पर निकलकर धरमजीत सिंह के समर्थक और लोरमीवासी जमकर आतिशबाजी करते हुए मिठाईयां बांटने लगे। मालूम हो कि वन प्रबंधन के निर्देश पर कलेक्टर बिलासपुर ने करीब एक साल पहले अचानकमार टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले आम रास्ते को बंद कर दिया था। प्रशासन का मानना था कि अचानकमार टाईगर रिजर्व है। वाहनों और आमलोगों के आवागमन से जीव और खासतौर टाइगर समेत अन्य वन्य प्राणियों को नुकसान है। राहगीरों को भी खतरा है। कलेक्टर बिलासपुर के आदेश के बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व के रास्ते को बंद कर दिया गया। मामले में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और जेसीसीजे के केंद्रीय उपाध्यक्ष धर्मजीत सिंह और प्रवक्ता मणिशंकर पाण्डेय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश कर रास्ता खोलने की मांग की। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि अचानकमार में टाइगर है या नहीं इस पर वन प्रबंधन भी स्पष्ट नहीं है।

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याचिका पर सुनवाई करते हुए 7 मार्च 2018 को आदेश पारित करते हुऐ कलेक्टर बिलासपुर के आदेश को निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि आम जन के आवाजाही के लिए खोला जाए। याचिका पर सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल के न्यायालय मे हुई। गौरतलब है कि लोरमी के अचानकमार अभ्यारण्य को वर्ष 2009 में टाईगर रिजर्व बनाया गया। जिसके बनने के बाद इसके कोर एरिया में बसे 25 गांवो को विस्थापन के लिए चिन्हित किया गया। 25 गांवो में से 6 गांवों को विस्थापना वर्ष 2011 में कर दिया गया, लेकिन अभी भी 19 गांव विस्थापन के शेष बचे हैं। इन्ही 19 गांवो के लोगों को शिवतराई बेरियर बंद होने से आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। दुसरी तरफ बेरियर खुलनें से अब लोरमी और कवर्धा के लोगों को अमरकंटक जाने के लिए इस मार्ग से होकर गुजरने में आसानी होगी।

 

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24