अपने कोटे से 12 एमएलसी नामित कर राज्यपाल को राज धर्म का पालन करना चाहिए: शिवसेना

अपने कोटे से 12 एमएलसी नामित कर राज्यपाल को राज धर्म का पालन करना चाहिए: शिवसेना

अपने कोटे से 12 एमएलसी नामित कर राज्यपाल को राज धर्म का पालन करना चाहिए: शिवसेना
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: March 1, 2021 2:02 pm IST

मुंबई, एक मार्च (भाषा) महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल से संजय राठौड़ के इस्तीफा देने के एक दिन बाद सोमवार को शिवसेना ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सराहना की और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से आग्रह किया कि वह विधान परिषद के लिए अपने कोटे से 12 सदस्यों को नामित कर “राज धर्म” का पालन करें।

पुणे में एक युवती द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद उपजे सियासी बवाल के चलते शिवसेना विधायक राठौड़ ने इस्तीफा दे दिया था।

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने कोश्यारी को “भाजपा द्वारा नियुक्त” राज्यपाल करार दिया और राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद के 12 सदस्यों को नामित करने का निर्णय लेने में देरी करने का आरोप लगाया।

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सामना में कहा गया कि यह संविधान के विरुद्ध है।

पार्टी ने कहा, “महा विकास आघाडी सरकार के हाथ में वास्तविक नियंत्रण है। हमारा कहना है कि मुख्यमंत्री ठाकरे इसके कारण ही अपने ‘राज धर्म’ का पालन कर रहे हैं।”

शिवसेना ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा के पास भी ‘राज धर्म’ निभाने की जिम्मेदारी है।

पार्टी ने कहा, “भाजपा द्वारा नियुक्त राज्यपाल के पास अधिक जिम्मेदारी है। राज्यपाल अपने कोटे से 12 एमएलसी नामित नहीं कर रहे हैं इसका अर्थ यह है कि वह राज धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं।”

शिवसेना ने आरोप लगाया कि पुणे में 23 वर्षीय युवती की मौत पर भाजपा राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।

सामना में कहा गया कि भाजपा नेता, दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की मौत पर संवेदनहीन हैं।

भाषा यश उमा

उमा


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