Madhya Pradesh New District: क्या सस्पेंस जल्द होगा खत्म? मध्यप्रदेश को मिलने वाला है नया जिला, देर रात उप मुख्यमंत्री के साथ चली बैठक के बाद तेज हुए कयास
जबलपुर के सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है और इस मांग को लेकर चल रहा आंदोलन लगातार नए मोड़ ले रहा है।
Madhya Pradesh New District/ image source: IBC24
- सिहोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन फिर हुआ तेज।
- जिला आंदोलन समिति के सदस्यों ने देर रात डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से की मुलाकात।
- बातचीत के बाद सिहोरा का बाजार खुला, लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं।
Madhya Pradesh New District: जबलपुर: जबलपुर के सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है और इस मांग को लेकर चल रहा आंदोलन लगातार नए मोड़ ले रहा है। देर रात जिला आंदोलन समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मध्यप्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात की। इस मुलाकात को आंदोलन के लिहाज से अहम माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से सिहोरा क्षेत्र के लोग प्रशासनिक जिला बनाए जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
समिति के सदस्यों ने रखा अपना पक्ष
समिति के सदस्यों ने डिप्टी सीएम के समक्ष सिहोरा को जिला बनाए जाने से जुड़े सामाजिक, भौगोलिक और प्रशासनिक तर्क रखे और बताया कि क्षेत्र की बढ़ती आबादी और दूरस्थ गांवों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए जिला बनना बेहद जरूरी है। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि जबलपुर जिले का दायरा बहुत बड़ा होने के कारण सिहोरा अंचल के लोगों को शासकीय कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है।
जगदीश देवड़ा ने दी अपनी प्रतिक्रिया
Madhya Pradesh New District: डिप्टी मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि सरकार इस मांग पर संवेदनशीलता के साथ विचार करेगी। हालांकि, किसी ठोस निर्णय की घोषणा न होने के कारण आंदोलनकारी पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखे। मुलाकात के बाद मंगलवार को सिहोरा का बाजार खुल गया, जिससे आम लोगों को कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। जिला आंदोलन समिति ने साफ किया है कि बाजार खुलना केवल जनहित में लिया गया फैसला है, जबकि आंदोलन के अन्य स्वरूप यथावत जारी रहेंगे।
समिति के अनुसार, सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन और क्रमिक हड़ताल अब भी जारी है। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार की ओर से स्पष्ट और लिखित आश्वासन नहीं मिलता, तब तक आंदोलन को वापस नहीं लिया जाएगा। खास बात यह है कि आंदोलनकारियों ने अपनी मांग को और प्रभावी बनाने के लिए अन्न और जल त्याग कर सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है। कई आंदोलनकारी बीते दिनों से बिना अन्न और जल के शांतिपूर्ण सत्याग्रह पर बैठे हुए हैं, जिससे उनकी हालत को लेकर स्थानीय लोगों और प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है।
Madhya Pradesh New District: आंदोलन समिति का कहना है कि सिहोरा क्षेत्र लंबे समय से विकास की दौड़ में पीछे छूट रहा है और जिला बनने से यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और प्रशासनिक सेवाओं का विस्तार होगा। क्षेत्र के नागरिकों का मानना है कि जिला बनाए जाने से न केवल सिहोरा बल्कि आसपास के ग्रामीण अंचलों को भी सीधा लाभ मिलेगा।

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