मोदी सरकार को शिवसेना की नसीहत, कहा- कृषि कानूनों को वापस लेकर दिखाएं ‘बड़प्पन’

मोदी सरकार को शिवसेना की नसीहत, कहा- कृषि कानूनों को वापस लेकर दिखाएं ‘बड़प्पन’

मोदी सरकार को शिवसेना की नसीहत, कहा- कृषि कानूनों को वापस लेकर दिखाएं ‘बड़प्पन’
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: December 7, 2020 8:35 am IST

मुंबई: दिल्ली सीमा के पास किसानों के जारी आंदोलन के बीच शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार कृषि विपणन कानूनों को वापस ले लेगी तो यह उसकी‘फिराखदिली’ होगी। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे एक संपादकीय में ‘बिगड़ते’ हालात के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है।

Read More: चक्रवात के कारण मौसम में हुआ बड़ा बदलाव, इतने दिनों तक नहीं पड़ेगी ठंड, बढ़ सकता है तापतान

संपादकीय में कहा गया, ‘‘किसान दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानूनों को वापस लेने में सरकार को भी हिचकिचाने की कोई वजह नहीं है बल्कि यह उसकी‘फिराखदिली’ होगी।’’ हजारों किसान नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र के बीच शनिवार को पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। किसान संगठनों ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है।

 ⁠

Read More: किसान आंदोलन का ट्रेनों पर असर, राजधानी से होकर जाने वाली 4 गाड़ियां रद्द

‘सामना’ में संपादकीय में कहा गया कि मुद्दे के संबंध में शिरोमणि अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल और राकांपा प्रमुख शरद पवार जैसे किसान नेताओं से बातचीत करने का प्रयास किया गया होता तो स्थिति थोड़ी आसान होती । सामना में कहा गया, ‘‘आज स्थिति बिगड़ती जा रही है, यह सरकार के ही कर्मों का फल है।’’ संपादकीय में कहा गया, ‘‘येन केन प्रकारेण चुनाव जीतना आसान है लेकिन दिल्ली की सीमा पर पहुंच चुके किसानों के मुद्दे, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से निपटने वाले विशेषज्ञों की सरकार में कमी है।’’

Read More: अमेरिका तक फैली किसान आंदोलन की आग, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर वीडियो किया जारी

संपादकीय में कहा गया कि एक समय भाजपा के पास प्रमोद महाजन, अरूण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे संकटमोचक थे जो वार्ता कर (किसी भी मुद्दे पर) गतिरोध को दूर करने का माद्दा रखते थे। ‘सामना’ में कहा गया, ‘‘लेकिन सरकार में आज ऐसा कोई चेहरा नहीं है। इसलिए पांच चरण की बातचीत हो गयी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।’’

Read More: ‘भारत बंद’ में शामिल नहीं होंगे व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, कई राजनीतिक दलों ने किया किसानों का समर्थन


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"