दुष्कर्म के आरोपी की मांग पर हाईकोर्ट ने दी डीएनए टेस्ट की अनुमति, दुष्कर्म से जन्मे बच्चे का होगा डीएनए टेस्ट
दुष्कर्म के आरोपी की मांग पर हाईकोर्ट ने दी डीएनए टेस्ट की अनुमति, दुष्कर्म से जन्मे बच्चे का होगा डीएनए टेस्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (chhattisgarh highcourt news) ने एक बड़ा फैसला देते हुए दुष्कर्म के आरोपी की मांग पर डीएनए टेस्ट करवाने की अनुमति दी है। हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि मामले से संबंधित जिले के एसपी डीएनए टेस्ट की पर्याप्त व्यवस्था करवाएं। जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बैंच ने आदेश में बच्चे और उसकी मां को बिना डिस्टर्ब किये डीएनए टेस्ट करवाने के निर्देश दिए हैं।
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बता दें कि महिला ने आरोपी पर कई बार दुष्कर्म का आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया है कि कई बार दुष्कर्म करने से बच्चा हुआ है। दुष्कर्म के आरोपी युवक की मांग मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाने के निर्देश ट्रायल कोर्ट को दिए हैं। कोर्ट को कहा गया है कि संबंधित एसपी को डीएनए टेस्ट की जिम्मेदारी सौंपी जाए और गोपनीयता बरकरार रखते हुए बच्चे के डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया पूरी की जाए।
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चूंकि बच्चे को दंपती ने गोद ले लिया था, इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने दंपती और बच्चे को परेशान किए बगैर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने कहा है कि हर आरोपी को अपने बचाव का पूरा हक होता है, इस मामले का निर्धारण डीएनए टेस्ट से ही हो सकता है।
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बता दें कि रायपुर निवासी राकेश पर एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। युवती का आरोप है कि इस वजह से वह गर्भवती हो गई। बाद में उसने बच्चे को जन्म दिया। समाज के डर से उसने बच्चे को मातृ छाया में छोड़ दिया था, जिसे बाद में एक दंपती ने गोद ले लिया। फिलहाल निचली अदालत में युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत प्रकरण लंबित है। उसने ट्रायल कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत कर आरोपों की पुष्टि के लिए बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया था, इसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। शुक्रवार को दिए गए आदेश में हाईकोर्ट ने बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाने के निर्देश दिए हैं। (bilaspur latest news)

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