व्यापमं घोटाले में व्हिसल ब्लोअर की याचिका पर उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया | High Court issues notice to state government on whistle blower's plea in Vyapam scam

व्यापमं घोटाले में व्हिसल ब्लोअर की याचिका पर उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया

व्यापमं घोटाले में व्हिसल ब्लोअर की याचिका पर उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : February 11, 2021/11:35 am IST

ग्वालियर, 11 फरवरी (भाषा) मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी की याचिका पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। चतुर्वेदी ने याचिका में इस मामले में 2018 में खुद को 18 घंटे तक गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखने का आरोप लगाते हुये सरकार से मुआवजे की मांग की है।

उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायाधीश एस ए धर्माधिकारी ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब देने के लिये कहा है।

चतुर्वेदी के अधिवक्ता डी पी सिंह ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘व्यापमं मामले में वारंट जारी होने के बावजूद पुलिस ने चतुर्वेदी को 9 अगस्त, 2018 को बयान देने के लिये विशेष अदालत में पेश नहीं किया। चतुर्वेदी इस मामले में शिकायतकर्ता हैं।’’

सिंह ने बताया कि पेश न होने पर अदालत उन पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि अगर वह इसका भुगतान करने में विफल रहते हैं तो उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जायेगा।

उन्होंने कहा कि 9 अगस्त 2018 को चतुर्वेदी ने शाम साढ़े चार बजे अदालत का कामकाज बंद होने से पहले जुर्माना जमा किया और अदालत ने आदेश दिया कि चतुर्वेदी को छोड़ दिया जाए। लेकिन याचिका में आरोप लगाया गया कि अदालत के निर्देश के बाद भी चतुर्वेदी को जेल भेज दिया गया, जहां व्यापमं घोटाले के कुछ अन्य आरोपी भी बंद थे।

सिंह ने कहा कि चतुर्वेदी अगले दिन ’18 घंटे’ के बाद जेल से बाहर निकले ।

उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में चतुर्वेदी ने कहा है कि ‘गैरकानूनी’ हिरासत ने उनके बेदाग चरित्र और करियर को धूमिल कर दिया है।

मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में भारी घोटाले के तहत व्यापमं घोटाला सामने आया था। इस घोटाले से जुड़े कई आपराधिक मामले प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में दर्ज किये गये हैं।

शुरुआत में प्रदेश पुलिस की एक स्पेशल टास्क फोर्स ने इस घोटाले की जांच की थी। लेकिन 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को घोटाले की जांच कराने का निर्देश दिया था।

भाषा सं दिमो

रंजन

रंजन

 

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