उच्‍च न्‍यायालय ने स्मारक घोटाले में आरोपपत्र खारिज करने से इनकार किया

उच्‍च न्‍यायालय ने स्मारक घोटाले में आरोपपत्र खारिज करने से इनकार किया

उच्‍च न्‍यायालय ने स्मारक घोटाले में आरोपपत्र खारिज करने से इनकार किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:27 pm IST
Published Date: March 19, 2021 5:07 pm IST

लखनऊ, 19 मार्च (भाषा) इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने 2007 से 2011 के बीच हुए चर्चित स्मारक घोटाले में दाखिल आरोपपत्र को खारिज करने से इनकार करते हुए शुक्रवार को एक याचिका खारिज कर दी। हालांकि अदालत ने याचियों को अभियोजन स्वीकृति के आदेश के विचारण के दौरान चुनौती देने की अनुमति दे दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अजय कुमार की एक अन्य याचिका पर पारित किया। याचियों ने स्मारक घोटाला मामले में अपने खिलाफ दाखिल आरोपपत्र को खारिज किये जाने का अनुरोध किया था। साथ ही याचियों ने एमपी-एमएलए अदालत, लखनऊ द्वारा आरोपपत्र पर संज्ञान लिए जाने के आदेश को भी निरस्त किये जाने की प्रार्थना की थी।

राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह मामला 42 अरब रुपये से अधिक के स्मारक घोटाले का है। इसमें तत्कालीन मंत्रियों का भी नाम आ चुका है।

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वहीं याचिका में तर्क दिया गया कि याचियों के खिलाफ मिले अभियोजन स्वीकृति को सुनवायी के समय चुनौती देने की छूट देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया जाए। इस पर अदालत ने उक्त छूट देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 से 2011 के मध्य लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण में पत्‍थरों की खरीद व निर्माण में की गई अनियमितता तथा भ्रष्टाचार के मामले में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उसमें आरोपियों के विरुद्ध एमपी-एमएलए अदालत में 15 अक्टूबर, 2020 को आरोपपत्र भेजा गया जिस पर अदालत ने संज्ञान लेकर आरोपियों को विचारण के लिए तलब कर लिया था।

भाषा सं आनन्द अमित

अमित


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