मुंबई, तीन जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को शहर में स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल को एल्गार परिषद -माओवादी संबंध मामले में आरोपी हनी बाबू की दोबारा जांच कर 14 जून तक मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के लिये कहा है ।
अदालत ने कहा कि तब तक दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक बाबू का दक्षिण मुंबई में स्थित इस अस्पताल में इलाज चलता रहेगा और उनका परिवार इलाज का खर्च उठाएगा।
अदालत ने स्वास्थ्य और चिकित्सा सहायता के आधार पर अंतरिम जमानत देने की बाबू की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। इस दौरान अदालत ने सह आरोपी स्टेन स्वामी के स्वास्थ्य को लेकर एक समाचार आलेख पर आपत्ति की।
अस्पताल ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि बाबू का कोविड-19 और आंख में संक्रमण का इलाज हो चुका है और अब वह ठीक हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।
बाबू के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता युग चौधरी ने उच्च न्यायालय से बाबू को अभी तलोजा जेल नहीं भेजने का अनुरोध किया।
बाबू अस्पताल लाए जाने से पहले नवी मुंबई में स्थित इस जेल में विचाराधीन कैदी के तौर पर बंद थे।
इससे पहले, न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की पीठ ने कहा कि चूंकि अस्पताल उन्हें छुट्टी के लिये पूरी तरह फिट घोषित कर चुका है, लिहाजा अदालत निजी अस्पताल को उनका इलाज करते रहने और भर्ती रखने के लिये मजबूर नहीं कर सकती।
अभियोजन एजेंसी एनआईए के वकील अधिवक्ता संदेश पाटिल ने चौधरी के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि बाबू को वापस जेल भेजा जाना चाहिये।
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश
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