अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गए गरीबों के लिए बनाए गए मकान, आबंटन से पहले ही हुए जर्जर

अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गए गरीबों के लिए बनाए गए मकान, आबंटन से पहले ही हुए जर्जर

अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गए गरीबों के लिए बनाए गए मकान, आबंटन से पहले ही हुए जर्जर
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: March 15, 2021 11:52 am IST

बिलासपुर। बिलासपुर में शहर के गरीबों के लिए करोड़ों खर्च कर बनाए गए आवास अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गए हैं। आबंटन से पहले ही मकान जर्जर हो गए हैं। जो आबंटित हुए हैं उसमे भी प्रभावी लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। इधर गरीब हितग्राही मकान के आबंटन के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं।

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दरअसल, साल 2011 में आईएचएसडीपी योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए शहर के अलग – अलग क्षेत्रों में मकान का निर्माण शुरू किया गया था। साल 2015 -16 में 6612 मकान बनकर तैयार हो गए। जिसके बाद इनका आवंटन शुरू किया गया। लेकिन आवंटन में अधिकारियों ने ऐसी उदासीनता बरती कि आज तक कई आवास अस्तित्व में नहीं आ सके हैं। लोगों को आवंटन नहीं मिल रहा है। स्थिति ये है कि, अब ये आवास जर्जर होकर गिरने की स्थिति में आ गए हैं। कई आवासों में प्रभावी लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है।

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वहीं इसके उलट बड़ी संख्या में लोगों ने आवास के लिए निगम में आवेदन भी किया हुआ है, लेकिन उन्हें आवास अलॉट नहीं हो रहा है। उन्हें आवास के लिए निगम का चक्कर काटना पड़ रहा है। इधर निगम के अधिकारी गरीबों के लिए बने आवासों को लेकर ये दावा कर रहे हैं कि, जितने भी मकान बने हैं उन्हें अलॉट कर दिया गया है। 170 के करीब आवासों में अवैध कब्जा है, जिसे मुक्त कराकर अलॉट किया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों के दावों से उलट ग्राउंड में आवासों की स्थिति बदहाल है, जो बिना अलॉटमेंट जर्जर हो गए हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com