छत्तीसगढ़ में भाजपा जिस रफ्तार से चल रही है उस हिसाब से देखें तो तैयारी बड़ी है। इस तैयारी में और भी बदलाव हैं और मुद्दों में धार बनाने की कोशिशें शामिल हैं। 24 तारीख के प्रदर्शन के माध्यम से इन बदलावों के असर को भी परखा जाएगा। कार्यकर्ताओं में कितना जोश आया, कितने वे आगे निकले, कितने और निकल सकते हैं और मुद्दों पर जनमत क्या है आदि सबका एक छोटा सैंपल इस प्रदर्शन से मिलेगा। दावा किया जा रहा है कि भाजपा इस प्रदर्शन में कोई कसर नहीं छोड़ रही। पूरे रायपुर में इसकी धमक दिखनी चाहिए। समानांतर कांग्रेस ने भी इस पर नजर बनाए रखी है। सत्तानसीं होने के नाते पार्टी अपने दूसरे रास्तों से भी इनपुट ले रही है। जाहिर है, अब चुनाव नजदीक हैं तो यह बातें आम होती चली जाएंगी।
भाजपा इस प्रदर्शन के जरिए चाहती है कि इस धमक का मैसेज ऊपर तक ठीक से जाए। साथ ही जितना ऊपर जाए उतना ही यह नीचे तक भी जाना चाहिए। नीचे से निकली कार्यकर्ताओं की ऊर्जा ही असल में ऊपर तक जाएगी। बताया जा रहा है कि भाजपा की केंद्रीय इकाई की सर्वे टीम छत्तीसगढ़ में सक्रिय है। यह औपचारिक रूप से गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल के जरिए इनपुट दे रही है। वहीं संघ की मशीनरी, स्ट्रक्चर की रिपोर्ट भी इसमें अहम भूमिका निभा रही है।
भाजपा चाहती है कि प्रदेश में जो बदलाव हुए हैं वह और आपसी एकता एक साथ दिखना चाहिए। इसके लिए दायित्व वाले नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है। वे अपने दूसरे नेताओं के साथ नजर आना चाहिए। पूरा प्रदर्शन इस तरह से होना चाहिए कि मीडिया की सुर्खियां बने। फोकस कांग्रेस सरकार की नाकामयाबियों पर हो, न कि मीडिया आपसी गुजबाजी पर बात करने लग जाए। इसे लेकर नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। साथ ही विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष के कंधों पर भी बड़ा भार है।
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