आम लोगों को राहत, छोटे-प्लॉट्स और घरों की रजिस्ट्री पर रोक हटाने का प्रस्ताव

आम लोगों को राहत, छोटे-प्लॉट्स और घरों की रजिस्ट्री पर रोक हटाने का प्रस्ताव

Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: May 7, 2018 3:31 pm IST

 रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छोटे प्लॉट्स और घरों की रजिस्ट्री पर लगी रोक की खबर IBC 24 में प्रसारित होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और वह हरकत में आया। बताया जा रहा है कि एक नया प्रस्ताव रखा गया है जो कुछ दिन में अमल में आ जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक आबादी वाले इलाकों से छोटे प्लाट्स और घरों पर रोक हटा दी जाएगी। 

मुख्य पंजीयक कार्तिकेय गोयल के इस प्रस्ताव के मुताबिक जो आबादी जमीन है, वहां डायवर्सन और लेआउट प्लान की अनिवार्यता पर रोक को खत्म कर दी जाएगी। इसके अलावा जो 2175 वर्ग फीट तक की जमीन के लिए जो डायर्वसन और लेआउट प्लान की अनिवार्यता थी उसे 100 वर्ग फीट कर दिया जाएगा। इससे लोगों की परेशानी खत्म हो जाएगी। 

पीड़ित लोगों ने रोक वाले नए नियम के खिलाफ राजस्व विभाग और पंजीयन के अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराया।

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दरअसल अभी स्थिति यह है कि कोई अगर राजधानी रायपुर में छोटा-मोटा प्लॉट या घर खरीदना चाहता है, तो उसका यह सपना नए नियम के कारण अधूरा रह सकता है, क्योंकि राज्य सरकार ने अभी राजधानी रायपुर से लेकर प्रदेश भर में छोटे प्लॉट और घर की रजिस्ट्री पर रोक लगाई हुई है। अभी तो छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, रायपुर विकास प्राधिकरण की भी कालोनी में रजिस्ट्रियां नहीं हो रही है। कहा जा रहा है कि सरकारी निगम-मंडलों की कॉलोनियों का ले-आउट प्लॉन मंजूर नहीं है। शहर के शंकर नगर, सत्ती बाजार, पुरानी बस्ती जैसे कई आबादी वाले कॉलोनी-मोहल्लों की रजिस्ट्री पर पाबंदी लगा दी गई है। 

बताया जा रहा है कि 13 अप्रैल के बाद से रजिस्ट्रियां ठप पड़ी हुई है। नए नियमों के मुताबिक 2175 वर्ग फीट से कम के भूखंड की रजिस्ट्रियां नहीं हो रही है। 

पंजीयन कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि रजिस्ट्री से पहले डायवर्सन, ले-आऊट प्लान होना जरूरी है, चाहे वह आबादी इलाके की जमीन ही क्यों न हो। इस नियम में राजधानी की तकरीबन हर कॉलोनी और मोहल्ले फंस रहे हैं। बरसों पुरानी कॉलोनियां जैसे शंकर नगर, पुरानी बस्ती, सत्ती बाजार, ब्राम्हण पारा, आमापारा जैसे इलाके में रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है, जिससे हाऊसिंग बोर्ड और आरडीए की कॉलोनियां भी अवैध की श्रेणी में आ गए हैं।

जानकारों के मुताबिक आबादी इलाकों में छोटे-छोटे प्लॉट या घरों की रजिस्ट्री पर रोक पहले कभी नहीं हुआ। ऐसे इलाकों में डायवर्सन और ले आऊट प्लान की शर्त नहीं थी। हद तो तब हो गई है जब सरकारी एजेंसियों के ही प्लॉट्स को एक तरह अवैध बताकर रजिस्ट्री करने से इंकार किया जा रहा है। इस स्थिति के कारण आम लोग खासे परेशान हैं और सरकार के राजस्व में काफी नुकसान हो रहा है। 

राज्य सरकार ने जमीन की रजिस्ट्रियों के लिए ऑन लाइन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसकी वजह से मैन्युअल रजिस्ट्रियां भी बंद है। ऑनलाइन सिस्टम में नियमों के अंडगे की वजह से रजिस्ट्री दफ्तर में कोई काम नहीं हो पा रहा है। लोग रोजाना दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं।

वेब डेस्क, IBC24


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