जनता मांगे हिसाब: जानिए क्या है अलीराजपुर और मानपुर के प्रमुख मुद्दे?
जनता मांगे हिसाब: जानिए क्या है अलीराजपुर और मानपुर के प्रमुख मुद्दे?
आईबीसी24 की खास मुहिम ‘जनता मांगे हिसाब’ के तहत मध्यप्रदेश के अलीराजपुर और मानपुर में IBC24 की चौपाल में जनता ने अपनी प्रमुख मुद्दे और समस्याएं रखी। आइए आपको बताते हैं कि कौन-कौन सी प्रमुख मुद्दे की गूंज रही।
अलीराजपुर की भौगोलिक स्थिति
अब बात करते हैं मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य सीट अलीराजपुर की
गुजरात और महाराष्ट्र राज्य की सीमाओं से लगा है क्षेत्र
जनसंख्या- करीब 2.50 लाख
सीट पर 90 फीसदी के करीब आदिवासी जनसंख्या
कुल मतदाता- 2,23,069
130 ग्राम पंचायत
एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीट
वर्तमान में बीजेपी के नागर सिंह चौहान हैं विधायक
अलीराजपुर की सियासत
अलीराजपुर विधासभा सीट के मिजाज और सियासी इतिहास की बात की जाए तो कभी ये सीट कांग्रेस की मजबूत गढ़ों में शामिल था..लेकिन 2003 के बाद यहां बीजेपी ने कांग्रेस के इस गढ़ में सेंध लगाते हुए अपनी जीत का परचम लहराया…तब से कांग्रेस इस सीट को वापस पाने की कोशिश कर रही है..जाहिर है आगामी चुनाव में भी मुकाबला काफी दिलचस्प रहने वाला है।
अलीराजपुर विधानसभा सीट..राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 2003 के पहले ये सीट कांग्रेस की परंपरागत सीटो में से एक रही है.. लेकिन 2003 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के इस गढ़ में सेंध लगाते हुए अपनी जीत का परचम लहराया… जिसके बाद से यहां बीजेपी का ही कब्ज़ा है| वर्तमान में यहां नागर सिंह चौहान विधायक है| जैसे -जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है.. दोनों ही पार्टियों में नेताओं ने अपनी दावेदारी के लिए तैयारियां शुरू कर दी है| बीजेपी से जहाँ वर्त्तमान विधायक नागरसिंह चौहान का दावा सबसे मज़बूत माना जा रहा है..वहीं कांग्रेस छोड़ बीजेपी का हाथ थामने वाले भदु पचाया भी टिकट पाने की दौड़ में शामिल है| वहीं कांग्रेस में गुटबाज़ी का असर साफ़ नजर आता है| इस सीट पर युवा नेता शंकर बामनिया कांतिलाल भूरिया के दम पर अपनी दावेदारी प्रबल मान रहे है तो वहीं सिंधिया समर्थक मुकेश पटेल भी कांग्रेस से टिकट पाने की जुगत में है| वहीं तीन बार चुनाव हार चुके कांग्रेस के बड़े नेता महेश पटेल भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे है| कुल मिलाकर अलीराजपुर में सियासत की महाभारत में कई किरदार हैं …और हर किरदार कहीं न कहीं जीत हार में बड़ा अंतर पैदा करेगा ..जाहिर है आने वाले चुनाव में अलीराजपुर की रणभूमि में राजनीति के कई पैंतरे देखने को मिलेंगे।
अलीराजपुर के खास मुद्दे
अलीराजपुर में मुद्दों की बात करें तो हर बार यहां की जनता हर बार चुनाव से पहले वादे तो किए जाते हैं…लेकिन चुनाव के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि यहां नजर नहीं आता है..यही वजह है कि विकास केवल सरकारी फाइलों में ही नजर आता है…आने वाले चुनाव में भी यहां रोजगारी, स्वास्थ्य और दूसरी बुनियादी मुद्दे गूंजने की पूरी संभावना है
अलीराजपुर विधानसभा में आदिवासियों का पलायन एक गंभीर मुद्दा है| हर साल बड़ी मात्र में आदिवासी काम की तलाश में गुजरात और अन्य राज्यों का रुख करते है| प्राकृतिक संसाधनों से धनी होने के बाद भी क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो पाया है| वहीं रोज़गार के प्रयाप्त साधनों के अभाव में यहाँ का शिक्षित युवा पलायन को मजबूर है| वहीं अलीराजपुर में स्वास्थ्य सेवाओ की स्थिति भी बेहद ख़राब है, हर छोटी-बड़ी बीमारी के इलाज के लिए स्थानीय लोगों को गुजरात के अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है| लिहाज़ा लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा भी इस सीट पर एक बड़ा मुद्दा है| वहीं अवैध शराब तस्कारी, बढ़ते महिला अपराध और शिक्षा के बेहतर इंतजाम सहित कई ऐसे मुद्दे है जो इस चुनाव में सत्ता पक्ष के लिए चुनौती साबित होंगे|
मानपुर की भौगोलिक स्थिति
अब बात मध्यप्रदेश के मानपुर विधानसभा की
उमरिया जिले में आती है विधानसभा सीट
2006 में परिसीमन के बाद हुआ गठन
पाली नगर पंचायत के साथ 124 ग्राम पंचायत शामिल
विधानसभा में 2 ब्लॉक और 2 तहसील भी शामिल
मतदाता-2 लाख 23 हजार
सबसे ज्यादा OBC मतदाता
38 फीसदी OBC मतदाता
वर्तमान में विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा
मानपुर की सियासत
मानपुर विधानसभा की सियासत की बात करें तो यहां हर चुनाव में दिलचस्प समीकरण बनते हैं…सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है..लेकिन कांग्रेस आगामी चुनाव में विधायक की नाकामियों को लेकर उतरने के लिए तैयार है..वहीं टिकट की रेस में दोनों पार्टियों में दावेदारों की लंबी कतार है
बस कुछ महीने बाकी और चुनावी समर में आमने-सामने होगी कांग्रेस -बीजेपी..लेकिन अभी से तगड़ी फील्डिंग शुरू हो गई है. मानपुर विधानसभा पर जीत का परचम लहराने के लिए रणनीतियां बनने लगी हैं…विधानसभा के पहले ही बीजेपी को तगड़ा झटका लगा क्योंकि बीजेपी नेता रहे और जनपद पंचायत मानपुर के अध्यक्ष रामकिशोर चतुर्वेदी ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है….अब चुनाव नजदीक हैं तो टिकट के दावेदार भी सामने आने लगे हैं..बात बीजेपी की करें तो वर्तमान विधायक मीना सिंह ही सबसे आगे नजर आ रही हैं…क्योंकि मीना सिंह के अलावा बीजेपी में कोई प्रबल दावेदार दिखाई नहीं दे रहा है…हांलाकि दो बार से जिला पंचायत सदस्य मौजीलाल चौधरी बीजेपी से विधायक की टिकट की आस में हैं और दावेदार भी… कांग्रेस की बात करें तो बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस में आए जनपद अध्यक्ष रामकिशोर चतुर्वेदी भी दावेदारों की लिस्ट में हैं..तो वहीं जिला पंचायत सदस्य तिलकराज सिंह भी दावेदार के रूप में सामने हैं…इसके अलावा कांग्रेस पार्टी से दो बार विधायक प्रत्याशी रहीं शकुंतला प्रधान का नाम भी दावेदारों में आगे है…जिला पंचायत सदस्य अमरु कोल भी कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे हैं. तो कुल मिलाकर जहां बीजेपी में दावेदारों की लिस्ट थोड़ी छोटी है तो वहीं कांग्रेस की लिस्ट दिनोंदिन बढ़ती जा रही है
मानपुर के मुद्दे
मानपुर विधानसभा के मुद्दों की बात करें तो. उमरिया जिले के इस इलाके में आज भी विकास की रफ्तार काफी सुस्त नजर आती है…पार्टियां हर चुनाव के पहले यहां से कुपोषण और बेरोजगारी जैसी समस्या हटाने की बात करते हैं ..लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि इन मुद्दों से दूरी बना लेते हैं। जाहिर है आने वाले चुनाव में भी कई पुराने मुद्दे ही गूंजने वाले
हर बार चुनाव..हर बार वादे और दावे…लेकिन हालात जस के तस यही कहानी है मानपुर विधानसभा सीट की…कागजों में तो सरकारी योजनाएं दौड़ती हैं लेकिन धरातल पर दिखाई नहीं देती…एक नहीं कई समस्याओं से घिरा नजर आता है मानपुर…सबसे बड़ी समस्या है बेरोजगारी..रोजगार के साधनों के अभाव में इलाके में पलायन थम नहीं पा रहा..स्कूली शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा की भी हालत खराब है. इसके अलावा स्थास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल हैं..कुपोषण को लेकर स्वास्थ्य अमला नाकाम साबित हो रहा है…मानपुर में किसान भी परेशान नजर आता है..किसानों को फसलों का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा है..हालत ये है कि लागत मूल्य तक के लिए तरस जाता है किसान। सिंचाई सुविधाओं के अभाव में किसानों के खेत प्यासे नजर आते हैं.. सिंचाई के लिए ग्यारह करोड़ की लागत से बना भदार जलाशय भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया…जलाशय का पानी नहरों तक तो जाता है लेकिन किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पाता…ये वो समस्याएं हैं जिनसे जूझ रही है मानपुर की जनता ।
वेब डेस्क, IBC24

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