छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी विकसित, नवा रायपुर में 25 एकड़ जमीन आरक्षित करने के निर्देश | International level health facilities will be developed in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी विकसित, नवा रायपुर में 25 एकड़ जमीन आरक्षित करने के निर्देश

छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी विकसित, नवा रायपुर में 25 एकड़ जमीन आरक्षित करने के निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : June 23, 2021/10:50 am IST

रायपुर। गांवों से लेकर राजधानी रायपुर तक छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करने जुटी प्रदेश सरकार निजी क्षेत्र की क्षमता का भी अधिकतम उपयोग कर लेना चाहती है, इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर में 25 एकड़ भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से लैस किसी ख्यातिप्राप्त निजी अस्पताल की स्थापना के लिए किया जाएगा, जहां राज्य की योजनाओं के तहत इलाज किया जाएगा। इससे किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बघेल ने विकास खंड से लेकर जिला स्तर तक के शासकीय अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के सभी कलेक्टरों से पहले ही एक्शन प्लान मांगा है।

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कोरोना की दूसरी लहर के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने स्वास्थ्य अधोसंरचना की मजबूती के काम को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। हाल ही में जिलों में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रमों के दौरान उन्होंने अनेक शासकीय अस्पतालों में नयी सुविधाओं का भी लोकार्पण किया था। बघेल के अनुसार-“दूसरी लहर के समय ही सरकार ने स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं को और मजबूत करने का संकल्प ले लिया था।

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नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का निजी अस्पताल स्थापित होने से प्रदेश के साथ साथ पडोसी राज्यों को भी इसका लाभ मिलेगा। आपात स्थितियों में एयर एबुलेंस करके इलाज के लिए महानगरों में जाने की स्थिति से बचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के मुख्य सचिव को स्वास्थ्य विभाग से 15 दिवस के अंतर्गत इसका एक्शन प्लान तैयार करवा कर प्रस्तुत करने को कहा है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य में शासकीय एवं निजी क्षेत्र के अनेक अस्पतालों में सभी प्रकार के रोगों की चिकित्सा हेतु सुपर स्पेश्यिलिटी सुविधाएं उपलब्ध हैं किन्तु इसके बाद भी अनेक अवसरों पर ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती है जिसके कारण गंभीर मरीजों की चिकित्सा हेतु एयर एम्बुलेंस के माध्यम से अथवा अन्य माध्यमों से महानगरों में ले जाना पड़ता है।

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बघेल ने कहा कि यह प्रक्रिया अत्यन्त खर्चीली और कष्टसाध्य तो है ही किन्तु इसके साथ ही गंभीर मरीजों की मृत्यु होने की संभावनाएं भी बनी रहती है। इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य में निजी क्षेत्र के राष्ट्रीय ख्याति का ऐसा अस्पताल स्थापित हो जिससे सभी प्रकार के गंभीर रोगों की चिकित्सा राज्य में ही उपलब्ध हो सके।

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मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य सचिव से कहा है कि इस अस्पताल में विशेषकर मल्टी आॅर्गन ट्राॅन्सप्लांट की सुविधा के साथ ही विभिन्न प्रकार की मल्टी सुपर स्पेश्यिलिटी सुविधाओं की व्यवस्था का प्रावधान किया जाना चाहिए। यह अस्पताल एक हजार से डेढ़ हजार बिस्तरों की क्षमता वाला हो तथा उसमें 50 प्रतिशत मरीजों का इलाज डाॅ. खूबचंद बघेल योजना अथवा आयुष्मान भारत योजना के तहत किए जाने की अनिवार्यता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें यह प्रावधान हो कि अस्पताल की स्थापना एवं रख-रखाव पर होने वाले वार्षिक व्यय की न्यूनतम राशि की मांग शासन से करने वाले प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान को अस्पताल निर्माण हेतु चयनित किया जाएगा।