जनता मांगे हिसाब के सफर की शुरुआत करते हैं..छत्तीसगढ़ की मरवाही विधानसभा से….सियासी नजरिए से अहम मानी जाने वाली इस सीट पर जोगी परिवार का दबदबा रहा है…तो सियासी बिसात और मुद्दों की बात करें इससे पहले एक नजर विधानसभा की प्रोफाइल पर…
बिलासपुर जिले में आती है विधानसभा सीट
कुल जनसंख्या करीब 2 लाख 75 हजार
कुल मतदाता-1 लाख 79 हजार 413
महिला मतदाता-90 हजार 764
पुरुष मतदाता-88 हजार 732
वर्तमान विधायक हैं अमित जोगी
सियासत-
मरवाही विधानसभा में हमेशा से जोगी परिवार का जादू चला है..और बीजेपी इस जादू को तोड़ने में अब तक नाकाम रही है बीजेपी को यहां इकलौती जीत 1998 में रामदयाल उइके ने दिलाई थी..जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए.. अब जब अजीत जोगी कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं..ऐसे में मरवाही के वोटर्स के सामने असमंजस की स्थिति है कि वो किसे वोट दें..लेकिन इतना तो तय है कि इस बार मरवाही में मुकाबला त्रिकोणीय होगा।
अजीत जोगी और डॉ भंवर सिंह पोर्ते जैसे दिग्गज नेताओं की सियासी जमीन रही है मरवाही विधानसभा..इस सीट पर जोगी परिवार का दबदबा नजर आता है..वर्तमान में इसी सीट से विधायक हैं अमित जोगी…अब चुनाव नजदीक हैं तो जीत का परमच लहराने की कोशिशों में जुट गई हैं पार्टियां..मरवाही में बीते चुनाव की सियासी तस्वीर कुछ और थी लेकिन आने वाले चुनाव की तस्वीर कुछ और होगी..क्योंकि अब तक बीजेपी-कांग्रेस में ही मुकाबला होता आया है लेकिन अब मैदान में होगी JCCJ.. ऐसा माना जा रहा है कि इस सीट से अजीत जोगी या अमित जोगी ही चुनावी समर में उतरेंगे…हालांकि अमित जोगी ये साफ कर चुके हैं कि मरवाही सीट से अजीत जोगी चुनाव लड़ेंगे…बात कांग्रेस की करें तो प्रमोद परस्ते और सुमन सिंह वॉकरे प्रबल दावेदार हैं…इसके अलावा गुलाब सिंह और अजीत सिंह भी टिकट की लाइन में हैं..बीजेपी में भी दावेदारों की लंबी लाइन है…जिसमें सबसे आगे नाम है शंकर कंवर और समीरा पैकरा का..तो वहीं पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी और अमर सिंह सेंद्राम भी टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं ।
मुद्दे-
मरवाही में चुनावी साल में सियासी शोरगुल तो खूब सुनाई दे रहा है लेकिन इसी शोरगुल के बीच अब जनता मांग रही है हिसाब..क्योंकि हर बार चुनाव में वादे तो किए गए लेकिन मरवाही के हालत नहीं बदले…यहां के लोगों की सबसे आज भी जनता कई समस्याओं से जूझ रही है..इन मुद्दों में मरवाही को अलग जिला बनाने की मांग और मौजूदा विधायक की निष्क्रियता बड़े मुद्दे हैं।
मरवाही की जनता लंबे समय तक जोगी परिवार के सदस्य को अपना जनप्रतिनिधि चुनती आई है..पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और फिर उनके पुत्र अमित जोगी को अपना नेता चुना..लेकिन आज तक क्षेत्र की जनता को उसका अपेक्षित लाभ नहीं मिला…आज भी यहां के लोग स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं .. प्रशासनिक निरंकुशता और भ्रष्टाचार को लेकर भी स्थानीय जनता अधिकारियों से नाराज है..जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में नेताजी को भुगतना पड़ सकता है। सोन नदी में डायवर्सन के अलावा मरवाही में कॉलेज भवन और करीब चार एनीकट और एक दर्जन से अधिक स्टाप डेम भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है जिसके कारण जनता को अपेक्षित लाभ नहीं मिला…वहीं 2016 से मरवाही क्षेत्र के लगातार सूखा घोषित होने के बावजूद किसानों को सूखा राहत राशि मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरवाही को अलग जिला बनाने की मांग भी बरसों से रही है..जिसे लेकर अब तक लोगों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। वहीं वर्तमान विधायक अमित जोगी के बिलासपुर रायपुर में रहने और कभी कभार ही मरवाही आने को लेकर मेहमान विधायक का भी मुददा विपक्षी नेताओं की ओर से बनाया जा सकता है।
वेब डेस्क, IBC24
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