तीन बच्चे वाले शिक्षकों पर नौकरी का संकट! एक सर्कुलर ने उड़ायी टीचर्स की नींद

तीन बच्चे वाले शिक्षकों पर नौकरी का संकट! एक सर्कुलर ने उड़ायी टीचर्स की नींद

तीन बच्चे वाले शिक्षकों पर नौकरी का संकट! एक सर्कुलर ने उड़ायी टीचर्स की नींद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:17 pm IST
Published Date: August 25, 2020 11:49 am IST

भोपाल। प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों से उनके बच्चों की जानकारी जुटा रहा है। अगर किसी शिक्षक के तीन या अधिक बच्चें हैं तो ऐसे शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश भर के शिक्षकों से एक प्रपत्र के जरिए उनके बच्चों की संख्या की जानकारी जुटा रहा है। प्रदेश भर में जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारियों ने संतानों के बारे में शिक्षकों से जुड़ी जानकारी मांगी है।

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बीईओ ने संकुल प्राचार्य को एक प्रपत्र भेजा है, इस प्रपत्र में 7 कॉलम है, प्रपत्र के छठवें कॉलम में 26 जनवरी 2001 या इसके बाद शिक्षकों के घर जन्मे बच्चों की संख्या की जानकारी देनी है। 26 जनवरी 2001 के बाद से शिक्षकों की तीन संतानें होंगी तो उन्हें अपात्र माना जा सकता है।

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वहीं, तीन संतानों की जानकारी प्रपत्र में भरवाने से शिक्षकों में खासी नाराजगी है, शिक्षक संगठनों ने प्रपत्र में बच्चों की जानकारी मांगने को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव और लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया है।

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प्रपत्र में तीन संतान की जानकारी मांगने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि यह सर्कुलर सिर्फ स्कूल शिक्षा विभाग के लिए नहीं है, सभी विभागों के लिए इस तरह का सर्कुलर है। सर्कुलर पहले जारी हुआ था, 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान वाले शासकीय सेवकों की जानकारी पहले भी मांगी गई थी। संतानों की जानकारी का प्रावधान तो है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com