छत्तीसगढ़ में पत्रकार अपनी जान की परवाह किए बगैर कई नक्सल वारदातों के कवरेज के लिए धूर नक्सल प्रभावित इलाकों में जाते हैं. जहां वो न्जूज़ कलेक्ट कर घटना की सच्चाई जनता तक पहुंचाते हैं. कई ऐसी घटनाए भी हुई हैं जिसमें नक्सली पत्रकारों की हत्या करने से गुरेज नहीं करते.
लेकिन इन सब के बीच जहां पत्रकारों की हौसलाअफजाई होनी चाहिए वहां सुरक्षाबलों के वायरलेस सैट से एक ऐसा ऑडियो हाथ लगा है, जिसमें पत्रकारों को देखते ही गोली मार देने का फरमान सुनाया गया है.
घटना कुछ दिन पहले की है जब 5 पत्रकार पुजारी कांकेर की स्टोरी कवर करने निकले थे. इस बीच जब वे वहां से लौटे तो उन्हें कुछ लोगों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने उनके एनकाउंटर की तैयारी कर रखी थी, लेकिन किस्मत से वे बच निकले।
पत्रकारों को सुरक्षाबल के साथ एक अफसर की वायरलेस पर बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिल गई है। सोशल मीडिया में आने के बाद यह मामला दिनभर सुर्खियों में छाया रहा। इस ऑडियो के सामने आने के बाद प्रदेश के पत्रकार आक्रोशित हैं. वहीं बात आगे बढ़ने के बाद CRPF डीआईजी ने ऑडियो की जांच कराने के बाद सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया है. जिसके बाद यह ख़बर पूरी मीडिया में सुर्खियों में रहा.
बस्तर में कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की बात हो या फिर झीरम हमले की या फिर सुकमा हमले की यहां पत्रकार हमेशा अपनी जान हथेली पर लेकर इन घटनाओं की सच्चाई जनता के सामने रखा था. IBC24 के जर्नलिस्ट नरेश मिश्र झीरम हमले की लाइव कवरेज के लिए सम्मानित भी हो चुके हैं. जीरम घाटी में जब कांग्रेस नेताओं पर हजारों की संख्या में एंबुश डालकर नक्सलियों ने हमला किया था. उस दौरान गोलियों की गड़गड़ाहट के बीच की दर्दनाक दृश्यों को नरेश मिश्र ने अपनी लाइव कवर किया था. सुकमा हमले में भी 25 जवानों की बलि चढ़ी थी.
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अभिषेक मिश्रा, वेब डेस्क, IBC24