मदनवाड़ा घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, सेवानिवृत्त न्यायाधीश शंभुनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित आयोग 6 माह में देगा रिपोर्ट

मदनवाड़ा घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, सेवानिवृत्त न्यायाधीश शंभुनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित आयोग 6 माह में देगा रिपोर्ट

मदनवाड़ा घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, सेवानिवृत्त न्यायाधीश शंभुनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित आयोग 6 माह में देगा रिपोर्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: January 20, 2020 10:20 am IST

रायपुर। सरकार ने मदनवाड़ा की नक्सली घटना की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति शंभुनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित कर दिया है। यह जांच आयोग 12 जुलाई 2009 को राजनांदगांव जिले के थाना मानपुर के अंतर्गत ग्राम मदनवाड़ा, महका पहाडी़, ग्राम कारेकट्टा एवं ग्राम कोरकोट्टी के निकट घटित नक्सली घटना की जांच करेगा।

ये भी पढ़ें: ATM का क्लोन बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार,10 की तलाश जारी

गौरतलब है कि इस घटना में राजनांदगांव जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक व्ही. के. चौबे सहित 29 पुलिस जवान शहीद हो गए थे। राज्य सरकार की यह राय है कि मदनवाड़ा नक्सली घटना के 10 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी उक्त घटना के संबंध में सार्वजनिक महत्व के अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए एक जांच आयोग नियुक्त करना आवश्यक है।

 ⁠

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के पिता के…

आयोग के गठन की अधिसूचना 15 जनवरी के छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है। यह आयोग अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 6 माह के भीतर जांच पूर्ण कर शासन को प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। यह आयोग निम्न बिन्दुओं पर जांच करेगा –
-यह घटना किन परिस्थितियों में घटित हुयी?
-क्या घटना को घटित होने से बचाया जा सकता था?
-क्या सुरक्षा की सभी निर्धारित प्रक्रियाओं-निर्देशों का पालन किया गया था?
-वे कौन सी परिस्थितियां थीं जिनके आधार पर पुलिस अधीक्षक एवं सुरक्षा बलों को उक्त अभियान में जाना पड़ा?
-मदनवाड़ा, कारेकट्टा एवं कोरकुट्टी में पुलिस अधीक्षक एवं सुरक्षाबलों के एम्बुश में फंसने पर क्या अतिरिक्त संसाधन एवं बल उपलब्ध कराया गया? यदि हां, तो उसको स्पष्ट करें।

ये भी पढ़ें: अस्तित्व में आने से पहले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला मुख्यालय को लेक…

-उक्त घटना में नक्सलियों को हुए नुकसान एवं नक्सलियों के घायल, मृत होने के संबंध में जांच।
-उक्त घटना में मृत एवं घायल सुरक्षाबल के सदस्य किन परिस्थितियों में मृत एवं घायल हुए।
-घटना के पूर्व, घटना के दौरान एवं घटना के उपरांत ऐसे अन्य मुद्दे, जो घटना से संबंधित हों, इस बाबत् तथ्यात्मक प्रतिवेदन।
-क्या राज्य पुलिस बल एवं केन्द्रीय बल के बीच में समुचित समन्वय रहा है।
-भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, सुरक्षा एवं प्रशासकीय कदम उठाये जाने के संबंध में सुझाव एवं उपाय।
-अन्य ऐसे महत्वपूर्ण बिन्दु जो घटना से संबंधित हों।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com