धारावी में मार्च में कोविड-19 के मामले 62 प्रतिशत तक बढ़े | Kovi-19 cases in Dharavi rise to 62 per cent in March

धारावी में मार्च में कोविड-19 के मामले 62 प्रतिशत तक बढ़े

धारावी में मार्च में कोविड-19 के मामले 62 प्रतिशत तक बढ़े

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : March 20, 2021/8:17 am IST

मुंबई, 20 मार्च (भाषा) मुंबई की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में मार्च में अब तक कोरोना वायरस के 272 मामले आए हैं जबकि फरवरी में कुल 168 मामले आए थे। इस हिसाब से संक्रमण के मामले 62 प्रतिशत बढ़े हैं।

नगर निकाय के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

धारावी में संक्रमण के बढ़ते मामले प्रशासन के लिए खतरे की घंटी है हालांकि उनका कहना है कि वे पिछले साल के मुकाबले इस बार स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं। यह झुग्गी बस्ती 2.5 वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा क्षेत्र तक फैली है।

अधिकारियों ने कहा कि धारावी में एक दिन में संक्रमण के मामले इस महीने तेजी से बढ़ रहे हैं। 19 मार्च तक यहां 272 मामले दर्ज किए गए।

अधिकारियों ने बताया कि अब जो मामले आ रहे हैं वे झुग्गी बस्ती के विभिन्न इलाकों से हैं न कि किसी एक जगह से हैं।

धारावी में अब भी 72 मरीज कोविड-19 का इलाज करा रहे हैं। अभी तक इस महामारी की चपेट में आए 4,133 लोगों में से 3,745 संक्रमण मुक्त हो चुके हैं जबकि 316 लोगों की मौत हो चुकी है।

करीब 6.5 लाख की घनी आबादी वाले धारावी में सामाजिक दूरी बनाए रखना मुश्किल काम है क्योंकि आठ से 10 लोगों का एक परिवार 10X10 की झुग्गी में रहता है और लोगों को तंग गलियों से गुजरना पड़ता है जहां अक्सर भीड़भाड़ होती है।

यह इलाका चमड़े, मिट्टी के बर्तन और कपड़े के कई छोटे उद्योगों का हब भी है।

धारावी में कोविड-19 का पहला मरीज पिछले साल एक अप्रैल को आया था। इसके बाद धारावी में महामारी के मामले बढ़ते रहे और इसे कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका यानी हॉटस्पॉट घोषित किया गया था।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों के अनुसार धारावी में कोरोना वायरस के मामले नवंबर से कम होने शुरू हुए थे और यहां तक कि जनवरी तथा फरवरी में कुछ दिनों तक कोई मामला सामने नहीं आया था।

बीएमसी के जी-नॉर्थ के सहायक निगम आयुक्त किरण दिघवकर ने कहा कि जांच बढ़ने के कारण धारावी में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन पिछले साल के मुकाबले हालात बिल्कुल अलग हैं और पूरी तरह से नियंत्रण में हैं।

भाषा

गोला शाहिद

शाहिद

 

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