तलोजा जेल अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी: वरवर राव के वकील ने अदालत से कहा

तलोजा जेल अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी: वरवर राव के वकील ने अदालत से कहा

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  • Publish Date - January 19, 2021 / 02:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

मुंबई, 19 जनवरी (भाषा) एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी कवि-कार्यकर्ता वरवर राव के वकील ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से उन्हें चिकित्सा आधार पर जमानत देने का अनुरोध करते हुए कहा कि नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल अस्पताल में उनके इलाज के लिहाज से बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।

वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ को बताया कि तलोजा जेल में राव की उचित चिकित्सकीय देखभाल के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं जहां वह विचाराधीन कैदी के रूप में बंद हैं।

राव (81) इस समय मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती हैं।

ग्रोवर ने अदालत से कहा कि अस्पताल से प्राप्त राव की ताजा मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उनका रक्तचाप और धड़कन स्थिर हैं और वह छुट्टी देने के लिहाज से ठीक हैं।

ग्रोवर ने कहा, ‘‘हालांकि छुट्टी देने और तलोजा जेल भेजे जाने के बाद राव को सतत निगरानी और चिकित्सा देखभाल की जरूरत होगी, जिसके लिए तलोजा जेल अस्पताल में सुविधाएं अपर्याप्त होंगी।’’

उन्होंने कहा कि राव को किडनी संबंधी समस्या है और अन्य कई बीमारियां हैं जिसके लिए उन्हें तलोजा जेल अस्पताल में भर्ती किये जाते समय एक दिन में करीब 20 अलग-अलग दवाइयां दी जा रही थीं।

उन्होंने कहा कि ये दवाएं हृदय रोगों, रक्तचाप और स्मृतिक्षय जैसे लक्षणों वाली बीमारी जैसे गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के लिए हैं।

ग्रोवर ने अदालत से अनुरोध किया कि राव को उनके परिवार के साथ रहने दिया जाए ताकि वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएं और मामले में मुकदमे का सामना करने में समर्थ हों।

उन्होंने कहा कि राव को जब पिछले साल मुंबई में सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनकी ‘उचित’ देखभाल नहीं की गयी और इसलिए उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

हालांकि पीठ ने टोकते हुए कहा कि सरकारी जेजे अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल सबसे अच्छे अस्पतालों में गिने जाते हैं जिनमें सक्षम चिकित्सक हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि कोविड-19 महामारी के बीच रोगियों की अधिक तादाद की वजह से अस्पताल में काम का बोझ अधिक हो गया होगा।’’

अदालत ने कहा, ‘‘इस अदालत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश समेत अनेक नागरिकों ने निजी अस्पतालों के बजाय जेजे अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल जैसे सरकारी और निगम संचालित अस्पतालों को तरजीह दी।’’

ग्रोवर ने कहा कि राव 24 मामलों में आरोपी थे और उन्हें सभी में बरी कर दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘वह (मौजूदा मामले में) कल ही मुकदमे का सामना करने को तैयार हैं। लेकिन ऐसा ठीक नहीं होगा। उन्हें तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्या है। अगर उन्हें परिवार के साथ जाने की अनुमति दी जाती है तो वह मुकदमे का सामना करने को तैयार होंगे।’’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के वकील अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ से कहा कि राव इतने स्वस्थ हो गये हैं कि उन्हें निजी अस्पताल से छुट्टी दी जा सके और तलोजा जेल भेजा जा सके।

एएसजी ने यह भी कहा कि राव की प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्टों में इस बात का उल्लेख नहीं है कि उन्हें डिमेंशिया की समस्या है।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा