महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि 22 जून तक बढ़ाई

महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि 22 जून तक बढ़ाई

महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि 22 जून तक बढ़ाई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: June 14, 2021 7:14 am IST

मुंबई, 14 जून (भाषा) महाराष्ट्र सरकार मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ अजा/अजजा (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में 22 जून तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। इस बारे में सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया गया।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दारियस खम्बाटा ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उनके पहले के बयान के अनुसार, इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह की किसी भी ‘‘दंडात्मक कार्रवाई’’ से रक्षा की जो बात कही गई थी अब उसकी अवधि बढ़ाकर 22 जून कर दी जाएगी। खम्बाटा के यह कहने पर न्यायमूर्ति पीबी वराले और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े ने मामले पर सुनवाई 22 जून के लिए स्थगित कर दी।

सुनवाई सिंह की याचिकाओं पर चल रही थी जिनमें उन्होंने ठाणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफअजा/अजजा (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई प्रारंभिक जांचों को भी चुनौती दी है।

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अकोला पुलिस थाने में निरीक्षक बीआर घाडगे की शिकायत पर सिंह के खिलाफ इस वर्ष अप्रैल में अजा/अजजा (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अनुसूचित जाति से आने वाले घाडगे ने आरोप लगाया था कि एक आपराधिक मामले में कुछ आरोपियों को लाभ पहुंचाने के सिंह के गैरकानूनी आदेशों का पालन करने से उन्होंने इनकार कर दिया था जिसके बाद सिंह ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अवैध वसूली के कुछ मामलों में उन्हें फंसाने की साजिश रची।

एक अन्य याचिका में सिंह ने राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार तथा कदाचार के आरोपों में उनके खिलाफ शुरू की गई दो जांच को चुनौती दी है।

भाषा

मानसी मनीषा

मनीषा


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