मंदसौर गोलीकांड: पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को क्लीन चिट, फायरिंग को बताया जायज
मंदसौर गोलीकांड: पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को क्लीन चिट, फायरिंग को बताया जायज
मंदसौर। मंदसौर गोलीकांड में 5 किसानों को गोली मारने वाले पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को जस्टिस जेके जैन आयोग ने क्लीन चिट दी है। रिपोर्ट में तत्तकाली परिस्थियों को देखते हुए भीड़ को खदेड़ने और पुलिस की रक्षा के लिए गोली चलाने को जायज ठहराया गया है। आयोग ने गोलीकांड में निलंबित हुए कलेक्टर स्वतंत्र कुमार और एसपी ओपी त्रिपाठी को भी सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया है।
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रिपोर्ट में माना गया है। कि पुलिस और जिला प्रशासन की सूचना तंत्र कमजोर और आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण आंदोलन उग्र हुआ। आयोग का कहना है कि किसान और अफसरों के बीच संवादहीनता के कारण जिला प्रशासन को उनकी मांगों और समस्याओं की जानकारी नहीं थी और उन्हें जानने का प्रयास भी नहीं किया गया।
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रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि गोली चलाने में पुलिस ने नियमों का पालन नहीं किया। पहले पांव पर गोली चलाना चाहिए था, लेकिन इसका ध्यान नहीं रखा गया। आयोग ने मुख्य सचिव को बंद लिफाफे में 11 जून को रिपोर्ट सौंपी थी। ये रिपोर्ट 11 सितंबर 2017 को सरकार को सौंपी जानी थी।
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आपको बतादें मंदसौर में 6 जून किसान आंदोलन के दौरान पुलिसिया फायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई थी। जिसके बाद ये आंदोलन और उग्र हो गया था। प्रदेश में हालात बेकाबू हो गए थे। किसानों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इस हादसे के पहली बरसी पर भी किसानों ने 1 जून 10 जून तक आदोंलन चलाया था। जो शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ था।

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