आतंकवादियों के नक्शेकदम पर नक्सली, विस्फोट के लिए ईजाद की नई तकनीक, जानिए
आतंकवादियों के नक्शेकदम पर नक्सली, विस्फोट के लिए ईजाद की नई तकनीक, जानिए
दंतेवाड़ा। आतंकवादियों के नक्शेकदम पर चलने की पूरी तैयारी बस्तर के नक्सलियों ने कर ली है। आतंकियों द्वारा सार्वजनिक जगहों पर विस्फोटक रख ब्लास्ट किया जाता है, जिससे आम लोगों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। आतंकियों की इसी तकनीक का इस्तेमाल नक्सली अब जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिये करने वाले हैं। इसके लिये नक्सलियों ने दक्षिण बस्तर के बीहड़ों में प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है।
बीते दिनों दंतेवाडा पुलिस के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं जिसके बाद पुलिस के भी होश उड़ गये हैं। पुलिस को जो दस्तावेज नक्सली कैंप से मिले है, उसमें इस बात का साफ जिक्र किया है। नक्सली अब बाईक में विस्फोटक लगाकर जवानों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। इसके लिये नक्सली रिमोट के तौर पर फोर व्हीलर की सेंसर वाली चाबी का इस्तेमाल करने वाले हैं। आम तौर पर इस चाबी में लाक और अनलाक के निशान बने होते है और ये ऐसे ही काम करते हैं।
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नक्सलियों की जिस तकनीक के बारे में जानकारी मिली है उसके मुताबिक बाइक में विस्फोटक लगाने के बाद उसे इलेक्ट्रानिक डिवाइस यानी बाइक की ही बैटरी से कनेक्ट किया जाएगा और इस विस्फोटक को दो तरीकों से ब्लास्ट किया जा सकता है। पहले तरीके में नक्सलियों ने बताया कि विस्फोटक लगने के बाद जैसे ही उस बाईक को स्टार्ट करने के लिये शेल्फ बटन पुश करेगा या फिर किक मारेगा, विस्फोटक को करंट मिलना शुरू हो जाएगा। विस्फोट को फटने के लिये केवल 12 वाल्ट के करंट की आवश्यकता होगी जो कि सभी बाइक की बैटरी में होता है। जैसे ही चालक इसे स्टार्ट करना चाहेगा, एक सेकंड के भीतर ही बाइक सवार ब्लास्ट की चपेट आ जाएगा।
इस ब्लास्ट में न केवल बाइक चालक बल्कि आसपास की कुछ दूरी पर खडे लोगों को भी बड़ा नुकसान उठाना पडेगा। विस्फोटक लगी बाइक को नक्सली दो तरीकों से ब्लास्ट कर उडा सकते हैं। इसमें विस्फोटक लगाने के बाद उसे फोर व्हीलर की सेंसर की यानी चाबी ऐसे कनेक्ट किया जाएगा जिससे कि उस बाईक को सौ मीटर की दूरी से ब्लास्ट कर उड़ाया जा सके। जो दस्तावेज पुलिस के हाथ लगे हैं उसके मुताबिक सेंसर चाबी में लगे अनलाक बटन को एक से डेढ़ सेकंड के अंदर दो बार दबाना होगा जिसके बाद ही ये ब्लास्ट हो सकेगा। लेकिन इसके लिए विस्फोटक के साथ ही तीन मीटर का एरियल भी लगाना होगा। इसके लिए विस्फोटक को इलेक्ट्रिक वायर से कनेक्ट करना जरूरी है।
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नक्सलियों के दस्तावेज इशारा कर रहे है कि वे आने वाले दिनों में जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नये तरीके ईजाद कर रहे हैं। नक्सलियों की टेक्निकल टीम ने इसके लिए प्रशिक्षण भी देना शुरू कर दिया है। ऐसे में जरूरत है कि सर्चिंग के दौरान जवान अपनी बाइकों को सूने जगहों पर न छोड़ें नही तो इसके घातक परिणाम सामने आ सकते हैं।
वेब डेस्क, IBC24

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