नेपाल में माओवाद के रूप में दिखा अपनों के साथ भेदभाव का परिणाम : योगी | Nepal results in discrimination against your loved ones as Maoism: Yogi

नेपाल में माओवाद के रूप में दिखा अपनों के साथ भेदभाव का परिणाम : योगी

नेपाल में माओवाद के रूप में दिखा अपनों के साथ भेदभाव का परिणाम : योगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : March 8, 2021/9:44 am IST

लखनऊ, आठ मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर नहीं चलने के दुष्परिणामों का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि समाज जब भी अपनों के साथ भेदभाव करता है तो नेपाल में माओवाद की तरह उसका एक विकृत रूप देखने को मिलता है।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में समावेशी विकास का जिक्र किया और कहा, ‘समाज जब भी अपनों से भेदभाव करता है तो उसका एक विकृत रूप देखने को मिलता है जो नेपाल में माओवाद के रूप में देखने को मिला।’

योगी ने थारू समुदाय का जिक्र करते हुए कहा, ‘थारू समुदाय आजादी के बाद भी शासन की सुविधाओं से वंचित था। भारत में रह रहे इस समुदाय तक केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं पहुंचने लगीं तो वह राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ कर अपना योगदान करने लगा। लेकिन यही समुदाय नेपाल में जाकर माओवादी बन जाता है और वहां की व्यवस्था को तहस-नहस करता हुआ दिखाई देता है।’

मुख्यमंत्री ने समावेशी विकास सुनिश्चित करने के अपनी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमने लखीमपुर खीरी में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत थारू जनजाति द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी इस योजना का हिस्सा बनाया और मुझे प्रसन्नता है कि आज उन्हें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि मिली है।’

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सभी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस समाज ने मातृशक्ति को इतना सम्मान दिया है, उसमें आधी आबादी के साथ भेदभाव और बर्बरता क्यों हो रही है, यह प्रश्न हम सबके सामने हमेशा मुंह बाए खड़ा रहता है।’

उन्होंने कहा, ‘इसीलिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की जब बात आती है तो हम जैसे भारतीयों के बारे में यह सवाल खुद ही खड़ा होता है कि क्या महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों की औपचारिकता निभाकर हम समस्याओं का समाधान निकाल पाएंगे?’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा तथा उनके उत्थान के लिए अनेक काम किए हैं। ‘मिशन शक्ति’ कार्यक्रम भी इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘हमने जब ‘मिशन शक्ति’ कार्यक्रम शुरू किया था तब शारदीय नवरात्र थी। यानी नारी शक्ति की प्रतीक जगत जननी मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान का कार्यक्रम।’

भाषा सलीम सुरभि

सुरभि

 

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