एक किडनी वाले मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट, देश की पहली ऐसी सर्जरी कर छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास
एक किडनी वाले मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट, देश की पहली ऐसी सर्जरी कर छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास
रायपुर। लीवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में देश के 8 राज्यों को पीछे छोड़ते हुए छत्तीसगढ आगे बढा है। जी हां! राजधानी रायपुर स्थित बालाजी हॉस्पिटल में छत्तीसगढ़ का पहला लीवर ट्रांसप्लांट सफल रहा। इसी सफलता के साथ छत्तीसगढ़ ने चिकित्सा क्षेत्र में एक बार फिरसे ऊंचे पायदान पर पहुंचने का काम किया है।
बता दें कि यह लीवर ट्रांसप्लांट इसलिए भी खास था क्योंकि मरीज पूर्व पुलिस जवान सुदामा वर्मा की जन्मजात एक ही किडनी थी। जिसको लेकर खतरा ज्यादा था, यह प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में पहला कंजनाइटल सोलिट्री किडनी में सफल ट्रांसप्लांट हुआ है।
रायपुर के मोवा स्थित बालाजी अस्पताल में पुलिस जवान सुदामा वर्मा की सफलतम सर्जरी के बाद वो खतरे से बाहर हैं। उनका कहना था कि वो 7 से 8 साल पहले से ही लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। अस्पताल के डारेक्टर देवेन्द्र नायक का कहना था कि जब सुदाम के लीवर फेल होने का पता चला, तो किसी को ये अंदाजा नहीं था कि उनकी केवल एक ही किडनी है।
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इस ट्रांसप्लांट में लगी 40 डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक ये ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा है। डॉक्टरों का दावा है कि ये देश का पहला ऐसा केस है, जिसमें लीवर ट्रांसप्लांट वाले मरीज की एक ही किडनी हो। डॉक्टरों का कहना था कि एक लाख में दो से तीन लोगों में ही ऐसा केस मिलता है। मरीज को 336 घंटे यानी 14 दिन सघन निगरानी में रखा गया। तब जाकर एक किडनी वाले मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट सफल रहा।
सर्जरी के लिए तीन ओटी तैयार किया गया। एक ओटी में मरीज, दूसरे में लीवर देने वाली उनकी पत्नी व तीसरे ओटी में लीवर, जिसे ट्रांसप्लांट के लिए तैयार किया गया। डॉक्टरों की टीम में डॉ. राघवेंद्र बाबू, डॉ. प्रेम कुमार, डॉ. विशाल सग्गर, डॉ. विवेक गोयल, डॉ. अमित अग्रवाल आदि थे।
वेब डेस्क, IBC24

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