यंगस्टर्स में बढ़ा ऑनलाइन पेमेंट का प्रचलन, क्लोन एप का इस्तेमाल कर कैफे और रेस्टॉरेंट को ऐसे लगा रहे चूना…देखिए

यंगस्टर्स में बढ़ा ऑनलाइन पेमेंट का प्रचलन, क्लोन एप का इस्तेमाल कर कैफे और रेस्टॉरेंट को ऐसे लगा रहे चूना...देखिए

यंगस्टर्स में बढ़ा ऑनलाइन पेमेंट का प्रचलन, क्लोन एप का इस्तेमाल कर कैफे और रेस्टॉरेंट को ऐसे लगा रहे चूना…देखिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: January 14, 2020 10:13 am IST

इंदौर। शहर में कैफे, रेस्टोरेंट बड़ी संख्या में खुल रहे हैं वहीं ऑनलाइन पे करने का चलन भी बढ़ गया है। युवा ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन एप्लिकेशन से पेमेंट कर रहे हैं। अब तक ऐसे एपिल्केशन को फ्राड और ठग ही इस्तेमाल कर लोगों को चुना लगा रहे थे लेकिन अब सक्षम परिवार के नाबालिक बच्चे भी फेक, क्लोन एप्लिकेशन का इस्तेमाल कैफे और रेस्टोरेंट चूना लगा रहे हैं। अधिकतर कॉलेज के यंगस्टर इस तरह के क्लोन एप्प का उपयोग कर ठगी कर रहे हैं।

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इंदौर में सायबर पुलिस के पास लगातार शिकायत आ रही थी कि अलग अलग शहर में कैफे, रेस्टोरेंट पेटीएम से धोखाधड़ी हो रही है। सायबर पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश की तो पता चला की प्ले स्टोर पर पेटीएम का डमी, क्लोन एप्लिकेशन उपलब्ध है जो कि ठीक उसी तरह काम करता है जैसे पेटीएम यूज होता है।

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पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में अब तक 2 दर्जन से ज्यादा स्टूडेंट्स जो कि सक्षम परिवार से हैं और शहर की बड़ी बड़ी कान्वेंट स्कूल में पढ़ रहे हैं। वे इस क्लोन एप का उपयोग कर कैफे, रेस्टोरेंट में लोगों को चुना लगा रहे हैं। कभी भी किसी का भी नंबर का उपयोग कर रुपए ट्रांसफर का फेक डेमो बनाया जा सकता है।

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लेकिन इस तरह की फ्राड से बचने का आसान तरीका है फेक एप्लिकेशन से ऑनलाइन पेमेंट कर दिए जाता है तो कैफे, रेस्टोरेंट के ऑनर के अकाउंट में शो नहीं होता तब तो इस तरह की ठगी करने वालों को पकड़ा जा सकता है। सायबर एसपी के मुताबिक ये स्टूडेंट भी इतने शातिर हैं कि डमी अकाउंट में अपना रुपए डिडक्ट होने वाला मेसेज भी दिखा देते हैं और सामने मैसेज रिसीव ना होने पर नेटवर्क का या सिग्नल की समस्या बता कर वहां से निकल जाते है। ऐसे में ठीक उसी टाइम पर ई वॉलेट चेक कर इस बात कि तस्दीक की जा सकती है। कि कही क्लोन एप्प से फ्राड तो नहीं किया गया है।

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शहर में केवल पेमेंट ठगी के साथ—साथ, ऐसे डमी क्लोन जो कि फेक आईडी भी बना रहे हैं इनके विरुद्ध भी साइबर पुलिस बड़ी करवाई कर रही है जिसकी जाँच भी चल रही है। लेकिन सबसे बड़ी बात टेक्नॉलाजी के बढ़ते उपयोग से सचेत रहने की भी बहुत आवश्यकता है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com