विपक्ष के ‘बिहार बंद’ का जनजीवन पर आंशिक असर दिखा

विपक्ष के 'बिहार बंद' का जनजीवन पर आंशिक असर दिखा

विपक्ष के ‘बिहार बंद’ का जनजीवन पर आंशिक असर दिखा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: March 26, 2021 12:35 pm IST

पटना, 26 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वाम दलों ने किसान आंदोलन के समर्थन और विधानसभा में विपक्ष के विधायकों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को आहूत “बिहार बंद” के दौरान राज्य भर में प्रदर्शन किया।

राज्य में बंद का सामान्य जनजीवन पर आंशिक असर दिखाई दिया। बंद के दौरान विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग प्रदर्शन किया तथा कुछ जगहों पर रेलवे की पटरियों पर बैठ कर विरोध जताया।

उन्होंने राज्य सरकार के विरोध में नारे लगाए, कुछ स्थानों पर टायर जलाए और विभिन्न शहरों में प्रमुख स्थानों पर बैठकें आयोजित की।

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बंद के दौरान राज्य के किसी हिस्से से अप्रिय घटना होने का समाचार नहीं मिला। प्रदर्शनकारियों ने राज्य में कुछ जगहों पर ट्रेनों को रोकने के प्रयास भी किया।

राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक दिन पहले बंद का आह्वान किया था लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हो सके। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “हमारी पार्टी के नेता राज्य की राजधानी में बंद का नेतृत्व करने वाले थे लेकिन उन्हें अपने चाचा और लालू प्रसाद यादव के बड़े भाई महावीर राय के अंतिम संस्कार में जाना पड़ा इसलिए वह बंद में शामिल नहीं हो सके। महावीर राय का कल निधन हो गया था।”

वाम दलों- भाकपा, माकपा और भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं को पटना की सड़कों पर पार्टी के झंडों के साथ देखा गया। राजद कार्यकर्ताओं ने पटना में नंदलाल छपरा के पास बाईपास रोड (एनएच-30) को अवरुद्ध किया जिससे कुछ देर के लिए यातायात बाधित रहा।

भाकपा (माले) प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा, “हम लोग सरकार के अलोकतांत्रिक और निरंकुश शासन के विरोध में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि विधानसभा में विधायकों पर पुलिस कार्रवाई करने और बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए।

भाषा यश पवनेश

पवनेश


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