नदी से निर्माण मलबा हटाएं पुणे के अधिकारी, हम खुद पड़ताल करने जाएंगे: उच्च न्यायालय

नदी से निर्माण मलबा हटाएं पुणे के अधिकारी, हम खुद पड़ताल करने जाएंगे: उच्च न्यायालय

नदी से निर्माण मलबा हटाएं पुणे के अधिकारी, हम खुद पड़ताल करने जाएंगे: उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: July 9, 2021 12:25 pm IST

मुंबई, नौ जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने पुणे की मुला मुथा नदी में निर्माण मलबा फेंका जाना रोकने में विफल रहने पर शुक्रवार को पुणे नगर निगम प्राधिकारियों को आड़े हाथ लिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने जिला कलेक्टर और नगर निकाय को निर्देश दिया कि नदी से मलबा तुरंत निकाला जाए। साथ ही उसने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से पुणे जाकर जांच करेगा कि उसे हटाया गया है या नहीं।

पीठ अधिवक्ता रोनिता बेक्टर के माध्यम से सारंग यादवाडकर द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी।

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याचिकाकर्ता ने तस्वीरें पेश कर दिखाया कि पुणे मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण के मलबे को पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन कर नदी में फेंका जा रहा है।

पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने शुरू में इस बात से इनकार किया था कि नदी में कथित तौर पर मलबा डाला जा रहा है।

न्यायालय ने कहा कि पीएमसी के वकील अभिजीत कुलकर्णी को निर्देश दिया कि वे नगर अधिकारियों को स्थल पर जाने और तस्वीरें एकत्रित करने के लिए कहें।

अदालत ने कहा, ”तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। हम व्यक्तिगत रूप से पुणे जाएंगे और जांच करेंगे। राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि मलबा हटा दिया गया है। नदी के पूरे हिस्से को साफ किया जाना है। याचिकाकर्ता की तस्वीरों से पता चलता है कि मलबा फेंके जाने से नदी खत्म होने के कगार पर है।”

भाषा जोहेब मनीषा अनूप

अनूप


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