रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत लोक सेवक की गिरफ़्तारी नियुक्तकर्ता अधिकारी की लिखित अनुमति की बैगर नहीं की जा सकेगी। साथ ही ग़ैर सरकारी कर्मचारी की गिरफ़्तारी से पहले एसएसपी से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के पुलिस मुख्यालय से जारी निर्देश के मुताबिक ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेट उक्त कारणों की स्कूटनी किए जाने के उपरांत आगामी अभिरक्षा का आदेश देगा,निर्दोष को झूठा फँसाने के लिए प्रारंभिक जाँच हो सकती है जो संबंधित उप पुलिस अधीक्षक यह पता लगाने के लिए कि आरोपो में अजाजजा अत्याचार निवारण अधिनियम का अपराध बनता है या नहीं और वह आरोप तुच्छ या उत्प्रेरित तो नही है। पत्र के आखिर में कहा गया है कि दिशा निर्देश की कंडिका दो और तीन का पालन नहीं किए जाने पर संबंधित दोषी अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ साथ अवमानना कार्यवाही के लिए दायी होगा।
वेब डेस्क, IBC24