संविलियन के फैसले के बाद भी प्रमोशन-वेतनमान पर उलझन, 8 साल से कम सेवा अवधि वाले पड़े अलग-थलग | Shikshakarmi Samvilian:

संविलियन के फैसले के बाद भी प्रमोशन-वेतनमान पर उलझन, 8 साल से कम सेवा अवधि वाले पड़े अलग-थलग

संविलियन के फैसले के बाद भी प्रमोशन-वेतनमान पर उलझन, 8 साल से कम सेवा अवधि वाले पड़े अलग-थलग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : June 21, 2018/7:06 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में संविलियन की घोषणा के बाद इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, लेकिन शिक्षाकर्मी इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि क्रमोन्नति के आधार पर सातवें वेतनमान का निर्धारण किया जाना चाहिए। सबसे ज्यादा असंतोष आठ साल से कम सेवा वाले शिक्षाकर्मियों में हैं। सेवा में वर्ष बंधन के कारण उनको पिछली बार भी इंतजार करना पड़ा था और हर बार भी सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में शिक्षाकर्मी मोर्चा के पदाधिकारियों के बीच संशय की स्थिति है। उन पर आंदोलन का भी दबाव है। पदाधिकारी इस बात के कारण भी पशोपेश में है कि अगर आंदोलन करते हैं, तो उन पर आरोप लगते हैं कि शिक्षाकर्मी हमेशा हड़ताल ही करते हैं। 

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छत्तीसगढ़ सरकार के संविलियन के फैसले का छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा ने फौरी तौर पर स्वागत किया है, लेकिन विसंगतियों को लेकर उनके मन में कई आशंकाएं हैं। उनकी मांग है कि सभी शिक्षाकर्मियो का संविलियन किया जाए और सभी के वेतन का निर्धारण क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर हो। शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की वेतन विसंगति को सुधार कर समानुपातिक समकक्ष वेतन, प्रथम नियुक्ति तिथि के 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नत वेतनमान, संविलियन के बाद प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता का लाभ दिया जाना चाहिए। 

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स्कूल शिक्षा विभाग ने संविलियन के लिए काम शुरू कर दिया है। फैसले के मुताबिक संविलियन के साथ 1 जुलाई को सभी की वरिष्ठता शून्य हो जाएगी। शिक्षा विभाग की लोकल बॉडी एजुकेशन में नई ज्वाइनिंग मानी जाएगी। प्रमोशन, तबादले और अनुकंपा नियुक्ति को लेकर राज्यभर के शिक्षाकर्मियों अभी भी उलझन में हैं। दरअसल, शिक्षाकर्मियों की पहली नियुक्ति जनपद पंचायत के माध्यम से हुई है। उस समय जिले बड़े थे। इतने विकासखंड भी नहीं थे। बाद में शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति जिला पंचायत के माध्यम से की गई। ऐसी दशा में शिक्षाकर्मियों के सर्विस रिकार्ड को लेकर भी कई तरह की तकनीकी दिक्कतें हैं।

वेब डेस्क, IBC24