कोरोना वायरस से सावधानी के चलते जेलों में बंद भाइयों को टीका नहीं लगा सकीं बहनें

कोरोना वायरस से सावधानी के चलते जेलों में बंद भाइयों को टीका नहीं लगा सकीं बहनें

कोरोना वायरस से सावधानी के चलते जेलों में बंद भाइयों को टीका नहीं लगा सकीं बहनें
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: November 16, 2020 10:00 am IST

शाहजहांपुर/ जालौन, 16 नवंबर (भाषा) भाई दूज के पर्व पर सोमवार को बहनें जेलों में बंद अपने भाइयों से मिलने पहुंचीं लेकिन कोविड-19 को लेकर बरती जा रही सतर्कता के चलते उन्‍हें भाई को बिना टीका लगाए निराश लौटना पड़ा। जेल प्रशासन ने मुलाकात के लिए जेल के अंदर प्रवेश नहीं दिया।

शाहजहांपुर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक जेल में बंद भाइयों को उनकी बहनें भाई दूज पर टीका करने से वंचित रह गयीं, क्योंकि जेल प्रशासन ने उन्हें जेल के अंदर प्रवेश नहीं दिया।

सोमवार को भाई दूज के पर्व पर सुबह से ही जेल गेट पर महिलाएं जेल में बंद अपने भाइयों को भाई दूज खिलाने तथा उनका टीका करने के लिए काफी संख्या में आ गईं परंतु जेल प्रशासन ने कोविड- 19 की गाइड लाइन का हवाला देकर उन्हें जेल में प्रवेश नहीं दिया, जिसके चलते जेल प्रशासन से महिलाओं की झड़प भी हुईl

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जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कोविड-19 के चलते मुलाकात बंद है, इसलिए आज भाई दूज पर आई बहनों को जेल में प्रवेश नहीं दिया गया है। उन्‍होंने बताया कि बहनों की टीका सामग्री तथा पैकेट बंद सामग्री लेकर उनके भाइयों तक भिजवाई जा रही है, परंतु खुली मिठाई पर पूर्णतया प्रतिबंध होने के कारण वापस कर दी गई।

जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल गेट पर टेलीकाम की व्यवस्था भी की गई है जिससे बहनों की उनके भाइयों से बात भी कराई जा रही है।

जालौन से मिली रिपोर्ट के अनुसार जिला कारागार में भाई दूज के अवसर पर बंदियों से बहनों की मुलाकात ना होने से मायूसी छा गई। जेल प्रशासन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते किसी भी सगे संबंधी की मुलाकात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।

जालौन के जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि विगत दिनों जिला कारागार में कई कैदी कोविड-19 की चपेट में आ गए थे जिसके कारण सुरक्षा की दृष्टि से कैदियों की बहनों के अलावा सगे संबंधियों को दीपावली के पूर्व ही लिखित रूप से अवगत करा दिया गया था कि मुलाकात नहीं हो सकेगी।

उन्‍होंने बताया कि सूचना के उपरांत बहुत से कैदियों के संबंधियों ने अपना अपना सामान जिला कारागार में भिजवाया था। जांच के बाद प्राप्त सामान को संबंधित कैदियों को उपलब्ध करा दिया गया है। जेल में भाई से मिलने आई बहनों के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि सूचना उपलब्‍ध कराने के बाद किसी को भी नहीं आना चाहिए था।

भाषा सं आनन्‍द नीरज

नीरज


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