अपहरण और हत्‍या के प्रयास में छह लोगों को उम्रकैद की सजा | Six people sentenced to life imprisonment in attempted kidnapping and murder

अपहरण और हत्‍या के प्रयास में छह लोगों को उम्रकैद की सजा

अपहरण और हत्‍या के प्रयास में छह लोगों को उम्रकैद की सजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : October 24, 2020/7:04 am IST

ललितपुर (उप्र), 24 अक्टूबर (भाषा) ललितपुर जिले की एक अदालत ने 13 साल पहले घर से एक महिला का अपहरण कर हत्या की कोशिश करने के मामले में छह अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और उन पर जुर्माना लगाया है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता खुशीलाल लोधी ने शनिवार को बताया ‘अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) उमेश कुमार सिरोही की अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।’’

खुशीलाल के मुताबिक ”अदालत ने 23 जनवरी 2007 की शाम करीब छह बजे घर में घुसकर रूबी सिंह नामक महिला का अपहरण कर घोंटा गांव के जंगल में उसे गोली मारकर (हत्या की कोशिश) घायलावस्था में फेंक दिए जाने का दोषी पाते हुए शुक्रवार को कडेसरा गांव के लक्ष्मण सिंह, जंडैल सिंह, दुर्जन सिंह, दीवान सिंह, हाकिम सिंह और नन्दू रावत को उम्रकैद की सजा सुनाई है तथा लक्ष्मण सिंह व जंडैल सिंह पर 29-29 हजार रुपये और बाकी चार दोषियों पर 26-26 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।’

उन्होंने बताया कि ‘इस मामले के दो आरोपी गजेंद्र सिंह व जीतू सिंह नाबालिग हैं, लिहाजा उनका मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। एक आरोपी कमल सिंह शुक्रवार को अदालत में हाजिर नहीं हुआ, इसलिए उसे फरार घोषित कर दिया गया है।’

खुशीलाल लोधी ने घटना की पृष्ठभूमि के बारे में बताया, ‘‘महाराज सिंह यादव ने लक्ष्मण सिंह बुंदेला की पत्नी रूबी सिंह से 2006 में प्रेम विवाह (कोर्ट मैरिज) कर लिया था। आरोप था कि इसी रंजिश में पहले लक्ष्मण सिंह बुंदेला, जंडैल सिंह और कमल सिंह ने 23 जनवरी 2007 को महाराज सिंह के बड़े भाई नन्दराम की गोली मारकर हत्या कर दी थी। फिर उसके करीब एक घंटे बाद लक्ष्मण सिंह अपने अन्य साथियों के साथ महाराज सिंह के घर घुसकर अपनी पूर्व पत्नी रूबी सिंह को घसीटते हुए घोंटी गांव के जंगल ले गए और वहां उसे गोली मार दी। वे लोग उसे मरा समझकर फरार हो गए। हालांकि इलाज से रूबी की जान बच गयी थी।’’

लोधी ने बताया, ‘नन्दराम की हत्या के मामले में संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने लक्ष्मण सिंह, कमल सिंह और जंडैल सिंह को बरी कर दिया लेकिन रूबी सिंह के बयानों के आधार पर उसकी हत्या की कोशिश किये जाने के मामले में दोषी ठहराते हुए आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।’’

भाषा सं आनन्‍द अविनाश

अविनाश

 

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