जल्द ही जिल स्तर पर भी मिलेगी अभ्युदय कोचिंग की सुविधा : योगी आदित्यनाथ

जल्द ही जिल स्तर पर भी मिलेगी अभ्युदय कोचिंग की सुविधा : योगी आदित्यनाथ

जल्द ही जिल स्तर पर भी मिलेगी अभ्युदय कोचिंग की सुविधा : योगी आदित्यनाथ
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: March 5, 2021 4:44 pm IST

गोरखपुर (उत्त्र प्रदेश), पांच मार्च (भाषा) उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अभ्‍युदय कोचिंग के छात्रों से संवाद के दौरान कहा कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभी मंडल स्तर पर संचालित अभ्युदय कोचिंग जल्दी ही जिला स्तर पर भी उपलब्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यहां एनेक्सी भवन के सभागार में अभ्युदय कोचिंग के छात्रों से संवाद किया। उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) की डिजिटल लाइब्रेरी का वर्चुअल शुभारंभ भी किया।

छात्रा अपर्णा मिश्रा ने उनसे पूछा कि आप एक योगी, संत हैं और आपके सबल कंधों पर देश के सबसे बड़े राज्य की भी जिम्मेदारी है, दोनों में समन्वय कैसे बनाते हैं, इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ”एक योगी का लक्ष्य लोक कल्याण होता है और मुख्यमंत्री के रूप में मेरा दायित्व लोक कल्याण के पथ पर चलते रहने का है। लोक कल्याण ही मेरा लक्ष्य है, मेरा धर्म राष्ट्र धर्म है।”

 ⁠

उन्‍होंने कहा, ”धर्म का अर्थ वह नहीं जो हम सामान्य भाषा में समझते हैं। पूजा पद्धति और उपासना विधि मेरी व्यक्तिगत आध्यात्मिक साधना का विषय है। मैं इसे किसी और पर नहीं थोप सकता और नाहीं कोई अन्य मुझ पर थोप सकता, लेकिन राष्ट्र धर्म हरेक व्यक्ति के लिए है।”

उन्होंने कहा, ”मेरे लक्ष्य और धर्म को लेकर कोई दुविधा नहीं है।” उन्होंने कहा कि अभ्युदय के विद्यार्थी भी सफलता प्राप्ति के लिए दुविधा मुक्त लक्ष्य निर्धारित करें क्योंकि दुविधा रहने पर ‘माया मिली न राम ‘ वाली स्थिति हो जाती है।

योगी ने कहा कि अभ्युदय कोचिंग के लिए चयनित छात्रों को मुफ्त टैबलेट देने के लिए राज्य सरकार ने बजट में व्यवस्था की है ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उन्हें कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में सिद्धांत के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान की भी जरूरत होती है, जो अभ्युदय योजना के तहत विद्यार्थियों को मिल रही है।

कोरोना संकट के दौरान प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए योगी ने कहा, ‘‘आज की पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि स्मार्टफोन पर दुनिया भर की किताबें उपलब्ध हैं।’’

भाषा सं आनन्‍द अर्पणा

अर्पणा


लेखक के बारे में