प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने लिखा प्रदेशवासियों के नाम पत्र, क्या बातें कही.. जानिए

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने लिखा प्रदेशवासियों के नाम पत्र, क्या बातें कही.. जानिए

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  • Publish Date - July 19, 2019 / 07:56 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़वासियों के लिए अपना संदेश भेजा है। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी के जरिए मिले इस संदेश में क्या लिखा गया है आइए बताते हैं..

भाजपा के 15 वर्षों के शासन काल में जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया गया। कमीशन खोरी के लिए योजनाएं चलाने का काम जरूर किया गया। कुपोषण जैसे अति संवेदनशील विषय पर बस्तर को देश के सबसे पिछड़े जिलों की श्रेणी में ला खड़ा किया गया। सभ्य समाज के लिए इससे बड़ा कलंक कुछ नहीं हो सकता।

दिसंबर 2018 में राज्य की सरकार के गठन के बाद राज्य सरकार ने राज्य को कुपषोण मुक्त करने का बीड़ा उठाया। कुपोषण एवं एनीमिया पीड़ित बच्चों एवं महिलाओं को प्रतिदिन स्थानीय समुदाय की रूचि अनरूप निशुल्क पौष्टिक भोजन कराने का जो कार्य आरंभ किया गया है वह ऐतिहासिक है। इस कार्य से लोगों में जो सकारात्मक भावना उत्पन्न हुई वह अकल्पनीय है।

अंडे का उपयोग जनजातीय समुदाय की परंपरा का अंग है। दुर्भाग्य से अंडे के महंगे होने के कारण अब वो भी जनजातीय समुदाय के लोगों की पहंच से बाहर हो चुका है। अंडे में मुनष्य के शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व जैसे प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन जैसे तत्व पाए जाते हैं। अंडा यदि प्रतिदिन के भोजन का हिस्सा हो, नियमित रूप से उसका सेवन किया जाए, तो कुपोषण की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। अंडा स्वयं से में ही पूर्ण आहार है। चूंकि जनजातीय समुदाय के लोग दूध एवं उससे बनी वस्तुओं का उपभोग नहीं कर सकते, इसलिए उनके लिए अंडे से बेहतर कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।

भारत विविध संस्कृतियों का देश है यहां सैकड़ों भिन्न भिन्न संस्कृतियों के लोग एक अत्यंत सौहाद्रपूर्ण वातावरण में रहते हैं। सभी संस्कृतियों के लोगों की खान-पान की आदतें एवं जीवन शैली भिन्न है। इस इंद्रधनुषीय छटा के बीच भी सभी लोगों में एकजुटता है, समरसता है तथा एक दूसरे के प्रति परस्पर सम्मान का भाव है। यही हमारे देश की शक्ति है। सभी संस्कृतियों के लोगों को अपनी परंपराओं के अनुरूप वेश-भूषा धारन करने एवं खान-पान पर स्वयं निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए।

हमारे भाजपा के साथियों से भी करबद्ध प्रार्थना है कि इस विषय पर राजनीति करना छोड़कर जनजातीय समुदाय के पीड़ितों की पीड़ा समाप्त कराने में योगदान देने के बदले उनकी पीड़ा बढ़ाने वाला कार्य न करें। भाजपा की दुविधा का आलम यह है कि पूरे देश में स्वयंभू गौ-रक्षकों का समर्थन करने वाली पार्टी गोवा एवं उत्तर पुर्वी राज्यों में बीफ खाने का समर्थन करती है।

भारत सरकार स्वयं अंडे का उपयोग बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पत्र के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री जी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति की प्रति संलग्न की जा रही है, जिसमें मंत्री महोदय अंडे में उपलब्ध पौष्टिक तत्वों, उसके बच्चों से कुपोषण मिटाने में लाभदायक होने तथा अंडे के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। भाजपा नेताओं द्वारा इसके बाद भी जनजातीय समुदाय के लोगों को अंडा प्रदाय किए जाने का विरोध किया गया तो पूरे राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ जन जागरण अभियान संचालित किया जाएगा। भाजपा के नेताओं में साहस है तो बस्तर अंचल में आकर अंडे के उपभोग का विरोध करके दिखाएं

मैं सभी संस्कृतियों/धर्मों/पंथों को मानने वाले हमारे श्रद्धेय सदस्यों से विनम्र अनुरोध करता हूं कि सदियों से कुपोषण पीड़ित बच्चों एवं महिलाओँ को कुपोषण के दंश से मुक्ति दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने नियमित रूप से नि:शुल्क अंडा उपलब्ध कराने का जो महाभियान शुरू किया है। उसमें पूर्ण सहयोग करें।

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