‘परफॉर्मेंस वाले ही टिकेंगे, नकारे होंगे बाहर’

'परफॉर्मेंस वाले ही टिकेंगे, नकारे होंगे बाहर'

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  • Publish Date - August 23, 2017 / 07:46 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:31 PM IST

अमित शाह के तीन दिन के दौरे और नसीहत का असर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कार्यशैली में दिखाई देने लगा है. कैबिनेट की बैठक के बाद शिवराज ने मंत्रालय में ही मंत्री और अफसरों की क्लास ली. सख्त लहजे में संदेश दिया कि अब परफॉर्मेंस वाले ही टिक पाएंगे और नकारे बाहर होंगे. साथ ही, CM शिवराज की मंत्री और अफसरों के साथ हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसमें PDS योजना में बदलाव एक बड़े फैसले के तौर पर देखा जा रहा है. जिसमें अब सरकार राशन न बांटकर राशि सीधे खाते में देगी।

शिवराज की ये फटकार दरअसल उन अफसरों के लिए है जिनकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है. मंत्रालय में मंत्रियों और अफसरों के साथ चर्चा और फटकार लगाने के बाद शिवराज महिला बाल विकास विभाग के एक वर्कशॉप में पहुंचे थे. जहां उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में बैठे नकारों के लिए कड़े शब्दों में संदेश दिया और अच्छे काम के लिए सम्मान की भी बात कही।

शाह के दौरे के बाद शिवराज एक्शन में दिख रहे हैं. मंत्रालय में सीएम शिवराज ने नॉन परफॉर्मेंस के मसले पर मंत्री-अधिकारियों को जमकर फटकारा तो है ही. कई मसलों पर फैसले भी लिए गए. जिनमें  लघु उद्योग की खरीद GeM से की जाएगी. PDS योजना में बदलाव के तहत अब राशन न बांटकर राशि सीधे खाते में आएगी. PDS के नए सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट एक जिले से शुरू होगा. साथ ही, किसानों को भी सीधे खाते में राशि भेजी जाएगी. कृषि मंथन की सिफारिशों पर अमल किया जाएगा. अगले सप्ताह से नर्मदा यात्रा की समीक्षा बैठक शुरू होगी. 6 से 25 अक्टूबर तक अभियान के तहत सभी मंत्री और सीएम अलग-अलग पर्यटन स्थलों पर जाएंगे. 29 अगस्त को कैबिनेट के साथ कृषि कैबिनेट बैठक होगी.

युवा उद्यमी और स्वरोजगार के लिए 11 से 30 नवंबर के बीच युवा सम्मेलन होंगे. धान और गेहूं की खरीदी की सब्सिडी का पैसा सीधे खाते में आएगा. इतना ही नहीं, सीएम शिवराज ने मंत्रियों को नसीहत दी कि अपने-अपने विभागों की बकाया राशि का जल्द से जल्द सदुपयोग करें।  सीएम शिवराज ने अपने बयान और बैठक में मंत्रियों और अफसरों को फटकार से साफ कर दिया है कि सरकार कामकाज को लेकर कोई कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी। अब देखना होगा कि सरकार कितने नॉन परफॉर्मर को बाहर का रास्ता दिखाती है.