शायद उसे मौत बुला रही थी उसे क्या पता था कि इस बार होली की छुट्टी पर घर आना उसकी ज़िंदगी की आखिरी मुलाकात होगी। हॅसते खेलते होली मना कर 10 मार्च को ही घर से विदा लिया था अजय कुमार ने, छोटा बच्चा निकलते समय बोल रहा था जल्दी आना पापा और आते समय मेरे लिए ये सब खिलौने लाना लेकिन उसे क्या पता था कि सालों घर की तरफ रुख न करने वाले उसके पापा इस बार मात्र 4 दिन बाद ही घर लौट रहे हैं लेकिन हाथ में बच्चे का खिलौना नहीं शरीर में तिरंगा लेकर।
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कल छत्तीसगढ़ के सुकमा के पास किस्ताराम इलाके में हुई नक्सली वारदात में 8 जवान शहीद हो गए थे उन्ही शहीदो में से एक था जमालपुर के सिकंदरपुर निवासी सीआरपीएफ जवान अजय कुमार यादव जिसके परिवार को कल देर शाम इस हादसे की सुचना दी गयी। एक ओर परिवार जहां समझ ही नहीं पा रहा था कि वो किसे गुनहगार समझे नियति को भाग्य को या फिर सरकार को। तो दूसरी तरफ शहीद अजय कुमार का बेटा ओम इस बात को लेकर शांत बैठा था कि माँ सुप्रिया भारती क्यों इतना रो रही है जबकि पापा तो अब घर आने वाले हैं।
घर परिवार इनके भी हैं साहब
नक्सलियों की गोलियों से
फिर भी नहीं डरते …
पर
सरकार के निकम्मेपन की
बंदूकवाली डर का
क्या करें ?? #BJPFailsSoldiers #Sukma #Chhattisgarh pic.twitter.com/gzOtfD0cMl— Umesh Patel (@umeshpatelcgpyc) March 14, 2018
शाम करीब 5:30 बजे तक अजय के घर में माहौल पहले की तरह था. अचानक लोगो का आना जाना उनके घर की तरफ ज्यादा होने लगा तो भी परिवार वालो को लगा ऐसे ही मुलाकात के लिए आये होंगे किसी को भी ये हिम्मत नहीं थी कि अजय के पिता को कोई बता सके की उनका छोटा बेटा शहीद हो गया है।थोड़ी देर बाद ईस्ट कॉलोनी थाने के पुलिस पदाधिकारी अजय के पिता सरजुग यादव के पास पहुंचे और उन्होंने इसकी जानकारी उन्हें दी बूढ़े पिता ने सिर्फ एक ही शब्द कहा हे ईश्वर ऐसा क्यों। ?
आज केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री श्री @ahir_hansraj जी के साथ हमारे सीआरपीएफ के शहीद जवानों के अंतिम दर्शन किए। छत्तीसगढ़ की सुरक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले इन जवानों को मैं श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। pic.twitter.com/jT9jOrCl6j
— Dr Raman Singh (@drramansingh) March 14, 2018
ये सिर्फ एक जवान के घर की कहानी नहीं थी। कल 8 जवानो में शहीद हुआ मनोरंजन लेंका अपना 26 वा जन्मदिन मनाने की तैयारी में था। सुबह से सभी उसे जन्मदिन की बधाई दे रहे थे लेकिन किसे पता था ये उसका आखिरी जन्मदिन था। सुकमा में लैंड माइंस विस्फोट में शहीद हुए उड़ीसा के मनोरंजन लेंका की शहादत पर मौत भी रोई होगी। जी हाँ, सीआरपीएफ के 212 बटालियन में पदस्थ उड़ीसा के रेवाना नौगाँव निवासी मनोरंजन लेंका ने 13 मार्च को ही जीवन के 26 बरस पूरे किए, दोस्तो से बधाइयाँ ली और कुछ देर बाद जबकि घड़ी ने करीब 11 बजाए, एक विस्फोट उस लैंड माइंस के ठीक नीचे हुआ जिस लैंड माइंस में वे अपने साथियों के साथ मौजुद थे। आज सुबह मनोरंजन को शहीद हुए साथियों के साथ गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया और उसके शव को पैतृक गाँव के लिए उड़ीसा के भुवनेश्वर एयरपोर्ट रवाना कर दिया गया जहां उन्हे अंतिम विदाई दी जाएगी।इन जवानो की शाहदत हमे ये अहसास दिलाती है कि परिवार इनका भी था ,सपने इनके भी थे लेकिन काल के गाल ने इन्हे अपने गले लगा लिया।
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