राज्यसभा के उप सभापति के बर्ताव पर शरद पावर ने उठाए सवाल, कहा- अध्यक्षों का ऐसा व्यवहार पहले नहीं देखा
राज्यसभा के उप सभापति के बर्ताव पर शरद पावर ने उठाए सवाल, कहा- अध्यक्षों का ऐसा व्यवहार पहले नहीं देखा
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि कृषि विधेयकों पर राज्यसभा के उप सभापति द्वारा विपक्षी सांसदों को उनके विचार रखने की अनुमति न देना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सदन के सदस्यों के साथ ऐसा व्यवहार करते उन्होंने किसी सभापति को नहीं देखा। विपक्ष के विरोध के बीच रविवार को जिस प्रकार राज्यसभा में कृषि विधेयक पारित हुए, पवार ने उसकी भी आलोचना की।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि निलंबित आठ सदस्यों के समर्थन में वह मंगलवार को उपवास रखेंगे। उन्होंने कहा कि विधेयकों को एक बार में ही पारित नहीं कराना था बल्कि उन पर अलग-अलग चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, “मेरे जैसे सदस्य यह उम्मीद करते हैं कि सभापति, उप सभापति या सदन की अध्यक्षता कर रहा कोई भी व्यक्ति मुद्दे को गंभीरता से लेगा और सदस्यों को उनके विचार अभिव्यक्त करने का अवसर देगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
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पवार ने कहा कि विपक्षी दलों ने उप सभापति को बताया कि जब विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश हुए तब उन्होंने नियमों के अनुसार काम नहीं किया। उन्होंने कहा, “उप सभापति से यह उम्मीद की जाती है कि वह कम से कम उन नियमों को सुनें तो सही जिनका सदस्य हवाला दे रहे हैं।” उन्होंने कहा, “लेकिन यह नहीं हुआ और तत्काल मत विभाजन करवा दिया गया, वह भी ध्वनि मत से। इसीलिए सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया की।”
पवार ने कहा, “मैंने महाराष्ट्र विधानसभा और देश की संसद में 50 साल से ज्यादा समय तक काम किया है। लेकिन मैंने सदन के अध्यक्षों को सदस्यों के साथ इस प्रकार का बर्ताव करते पहले नहीं देखा।” पवार ने कहा कि राज्यसभा में पिछले दो दिन में जो कुछ भी घटित हुआ वह पहले नहीं देखा गया था।

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