तीन तलाक असंवैधानिक घोषित होते ही फहरीन के घर पहुंचा तलाक का पैगाम

तीन तलाक असंवैधानिक घोषित होते ही फहरीन के घर पहुंचा तलाक का पैगाम

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  • Publish Date - August 22, 2017 / 03:04 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:31 PM IST

 

एक तरफ सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक पर फैसला सुना रहा था वहीँ एक साल पहले बसा फहरीन का घर डाक से आया शहर काजी का फरमान और पति द्वारा सादे कागज पर लिखी तलाक की चिठ्ठी से पल भर में उजड़ गया। अपनी चार महीने की मासूम बेटी को गोद में लिए फरीन सुप्रीम कोर्ट के फेसले से सहमत है। वह सरकार से तलाक मामले में कड़े कानून बनाने की मांग कर रही है। उसका कहना है मेरी तरह किसी और लड़की की जिंदगी तबाह ना हो । 

शहर के बालागंज इलाके में रहने वाली फरीन का निकाह 19 फरवरी 2016 को इमरान के साथ हुआ था। पति और ससुराल पक्ष के लोग लगातार उसे प्रताड़ित करते रहे। फरीन के गरीब पिता ने हैसियत के हिसाब से बेटी को यथा संभव दहेज भी दिया लेकिन फरीन को राहत नहीं मिली। 16 अगस्त को पति इमरान ने एक सादे कागज पर तलाक नामा लिखा कर शहर काजी को भेज दिया। इसके बाद काजी साहब ने इसमें एक कवरिंग लेटर लगाकर फरीन के पिता शाकिर अली के घर डाक से भेज दिया। 

फरीन के पति इमरान ने जो तलाक नामा लिखा है उसमे कहा गया की फरीन शादी के बाद से माँ बाप के घर जाना और लबे समय तक रूकती है। इसके माँ बाप बहन ने मेरी गैरहाजरी में मेरी माँ से मारपीट की। झूठी रिपोर्ट कर दहेज एक्ट का मामला भी दर्ज करा दिया। जिससे मेरी माँ का शरीरक और मानसिक संतीलन बिगड़ गया। यह लोग कोई भी अनहोनी कर सकते है। इसलिए होअहू हवास में मैं पंचो के अमानव तलाक देता हुं।