जालना के दो प्रोफेसरों ने फलों को नुकसान पहुंचाने वाले पांच कीड़ों का पता लगाया
जालना के दो प्रोफेसरों ने फलों को नुकसान पहुंचाने वाले पांच कीड़ों का पता लगाया
जालना, एक नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के जालना में एक कॉलेज के दो प्रोफेसरों ने फलों में छेद कर देने वाले पांच कीटों की पहचान की है जो नीबू, अनार और पपीते की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।
जालना में अंबाड के मत्स्योदरी कला एवं विज्ञान कॉलेज में जंतुविज्ञान के प्रोफेसर रवींद्र पाथरे और शरद जाधव का शोधपत्र प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन ‘रिसर्च जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेस’ में प्रकाशित हुआ है।
पाथरे ने रविवार को कहा कि दुनिया में कीटों की 1,60,000 प्रजातियां हैं जिनमें से 660 महाराष्ट्र में पाई जाती हैं। इनमें से पांच की पहचान फलों को नुकसान पहुंचाने वाली प्रजातियों के रूप में हुई है। इनमें ‘यूडोकिमा’ फसलों को करीब 90 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचाता है।
जाधव ने कहा, ‘‘ये कीड़े पकते हुए फलों में छेद करते हैं और उनका रस पी लेते हैं जिससे फल पूरा पकने से पहले गिर जाता है। इससे गुणवत्ता पर असर होता है। छेद देखकर फल पर इस कीट के हमले का पता लगाया जा सकता है।’’
भाषा मानसी वैभव
वैभव

Facebook



