बीमार पति को चारपाई पर लेकर बैंक आई मजबूर पत्नी

बीमार पति को चारपाई पर लेकर बैंक आई मजबूर पत्नी

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  • Publish Date - December 22, 2017 / 06:22 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

छत्तीसगढ़-कई बार सरकारी काम करते करते इंसान इतना ज्यादा निष्ठुर हो जाता है कि उसे हर काम में सिर्फ नियम याद आता है। धमतरी  जिले के मगरलोड़ में ऐसी ही घटना पिछले दिन घटी  हुआ ये कि गांव के किसान गुहाराम जिसका  कुछ दिन पहले  पैर टूट गया था। करीब दो माह से उनका इलाज धमतरी जिला अस्पताल में चल रहा था, इसी दौरान परिवार वालों ने किसान गुहाराम के नाम से सोसायटी में 32 हजार रूपये का धान बेचा था.उन्हें जब पैसे की जरुरत हुई तो किसान की पत्नी रामबाई दो दिन पहले जिला सहकारी बैंक पहुंची जैसे ही उसने  पैसे निकालने के लिए  बैंक में पर्ची दी तो उसे कहा गया कि जब तक गुहाराम नहीं आयेगा, तब तक पैसा नहीं निकलेंगे।पत्नी रामबाई ने बीमार पति का अस्पताल में होने का सर्टिफिकेट और पंचायत का प्रमाण पत्र भी दिया।

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लेकिन बैंक के अफसर नहीं माने। बैंक वालों ने किसान की पत्नी रामबाई को पैसे देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया, किसान की पत्नी ने बैंक के अधिकारियो को बताया कि उसका पति इस हाल में नहीं है कि वे बैंक तक आ सके, लाख मिन्नतों के बाद भी जब बैंक वाले उसकी बात सुनने तैयार नहीं हुए तो थक हारकर पत्नी बीमार गंभीर रूप से जख्मी किसान को चारपायी में टांगकर बैंक पहुंची तब जाकर किसान को पैसा मिला .

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 ऐसे में सबसे बड़ी बात ये सोचने पर मजबूर करती है कि  जब बीमार होने के  तमाम सबूत गुहाराम की पत्नी ने बैंक  को दे दिए थे तो उसके बाद भी इस तरह की जबरदस्ती करना क्या बैंक के नियमों के तहत जायज है। धमतरी जिले के  जिले के नोडल अधिकारी रवि शर्मा अब मामले को  गंभीरता से लेते हुए जाँच कराने की बात कर रहे है।इन सारी घटना के बीच कुछ वर्षो पूर्व की बैंक अधिकारियो की भूमिका याद आती है जब वे दो माह से ज्यादा  कोई ग्राहक अगर बैंक नहीं आता था तो अधिकारी उसका हाल चाल पूछने चाय के बहाने ही सही घर आ जाते खैर वो भी क्या दौर था और ये भी क्या दौर है। 

IBC24 WEB TEAM